इस समय बिहार की राजनीति में काफी ऊथल-पुथल देखने को मिल रही है। सत्तारुढ पार्टी और विपक्ष सभी चुनावों के लेकर अपना जोर लगा रहे हैं। इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को राज्य की प्रमुख स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत एक बड़े सुधार की घोषणा की, जिसे सात निश्चय योजना के तहत 2016 में लॉन्च किया गया था। उच्च शिक्षा के इच्छुक 12वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली इस योजना के तहत पहले सामान्य आवेदकों के लिए 4% ब्याज दर पर 4 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण और महिलाओं, दिव्यांगों और ट्रांसजेंडर छात्रों के लिए केवल 1% ब्याज दर पर शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जाता था।
नीतीश कुमार ने स्टूडेंट का ऋण ब्याज मुक्त कराया
नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर एक अपडेट साझा करते हुए कहा कि भविष्य में, इस योजना के तहत प्रदान किए जाने वाले ऋण सभी आवेदकों के लिए पूरी तरह से ब्याज मुक्त होंगे। नीतीश कुमार ने आगे बताया कि पुनर्भुगतान अवधि को और अधिक लचीला बनाया गया है। पहले, 2 लाख रुपये तक के ऋण 60 मासिक किश्तों (पांच वर्ष) में चुकाने होते थे, जिसे अब बढ़ाकर 84 किश्तों (सात वर्ष) कर दिया गया है। 2 लाख रुपये से अधिक के ऋणों के लिए, पुनर्भुगतान अवधि 84 किश्तों (सात वर्ष) से बढ़ाकर 120 किश्तों (10 वर्ष) कर दी गई है।
बिहार के बच्चों को उच्च शिक्षा मिले
मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बिहार के ज़्यादा से ज़्यादा बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिले। इन नए प्रावधानों से छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे ज़्यादा उत्साह के साथ शिक्षा प्राप्त करेंगे, जिससे न केवल उनका, बल्कि राज्य और देश का भविष्य भी सुरक्षित होगा।"