अखिलेश यादव बोले- SIR नहीं NRC हो रहा है; डिटेंशन सेंटर की क्या जरुरत है?

अखिलेश यादव का कहना है कि सरकार एसआईआर के जरिए परोक्ष रूप से एनआरसी लागू करने की कोशिश कर रही है। उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री खुद डिटेंशन सेंटर बनाने की बात कर रहे हैं, जबकि सवाल यह है कि अगर एसआईआर में किसी का नाम नहीं आता तो डिटेंशन सेंटर की जरूरत ही क्यों पड़ेगी? इससे साफ लगता है कि जो काम वे खुलकर नहीं कर पा रहे थे, वही अब एसआईआर का सहारा लेकर किया जा रहा है।
समाजवादी पार्टी के सुप्रीमों अखिलेश यादव ने यूपी में चल रहे विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान यानी एसआईआर (SIR) को लेकर प्रदेश की योगी सरकार पर हमला बोल दिया। मंगलवार को लोकसभा में अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में एसआईआर नहीं एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) का काम चल रहा है। SIR में आधार जैसे कार्ड को नहीं माना जा रहा है। आधार कार्ड जैसे कार्ड में सब डॉक्यूमेंट डॉक्यूमेंटेड है। फिंगर्स, आई के साथ ही पूरा डिटेल है। इसके बाद भी आधार नहीं मान रहे हैं। इसका मतलब है कि ये एसआईआर नहीं है। यह अंदर ही अंदर एनआरसी वाला काम चल रहा है। उत्तर प्रदेश के सीएम कह रहे हैं कि हम डिटेंशन सेंटर बना रहे हैं। एसआईआर के नाम पर उसके लिए डिटेंशन सेंटर की क्या जरुरत है। इसका सीधा मतलब यह है कि यह लोग एनआरसी को जो काम खुल के नहीं कर सकते थें, एसआईआर के बहाने कर रहे हैं। तभी कह रहे हैं कि घुसपैठियों को खोज रहे, उनके लिए डिटेंशन सेंटर बना रह हैं।
लोकतंत्र में सुधार किया जाएं- अखिलेश यादव
इतना ही नहीं अखिलेश यादव बोले कि चुनाव के लिए सबसे जरुरी बड़े सुधार की जरुरत यह है कि लोकतंत्र फिर से विश्वास जगाया जाए। ईवीएम को हटाकर बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाए। चुनावी धांधली होने पर तय समय सीमा में कारवाई हो। विपक्ष की अनदेखी ना की जाए। विपक्ष की शिकायतों पर पक्षपात ना हो। चुनाव आयोग निर्भीक हो। चुनाव आयोग सरकार के इशारे पर काम ना करें। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग एक विचारधारा के लोगों का गुट बनकर रह गया है।



