Tripura में बिप्लब देब को नहीं पसंद आ रहा बाहरी हस्तक्षेप, CM हिमंत बिस्व को लेकर कही बड़ी बात

LSChunav     May 25, 2023
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Tripura में बिप्लब देब को नहीं पसंद आ रहा बाहरी हस्तक्षेप, CM हिमंत बिस्व को लेकर कही बड़ी बात

पूर्वोत्तर में मणिपुर के बाद त्रिपुरा बीजेपी में तमाम बड़े नेताओं में असंतोष को साफ तौर पर देखा जा सकता है। त्रिपुरा के पूर्व सीएम बिप्लब देब केंद्रीय नेतृत्व ने दिल्ली बुलाकर चर्चा की थी। जिसमें उन्होंने बाहरी हस्तक्षेप को बड़ा मुद्दा बताया।

राजनीति में कभी भी बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है। वहीं कई बार राजनीति में अपने ही सिरदर्द बन जाते हैं। पूर्वोत्तर में मणिपुर के बाद त्रिपुरा बीजेपी में असंतोष देखने को मिल रहा है। जिसके बाद इस क्षेत्र को लेकर भाजपा नेतृत्व की चिंताएं बढ़ गई हैं। क्योंकि दोनों ही राज्यों में बीजेपी की सरकार है। बता दें कि त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब को केंद्रीय नेतृत्व ने दिल्ली बुलाया था। जिसके बाद उनसे दिल्ली में चर्चा की गई। जिसके बाद बिप्लब देब ने सरकार और संगठन को लेकर सवाल उठाया है। लेकिन सबसे बड़ा मुद्दा बाहरी हस्तक्षेप बताया जा रहा है। 


इसके बाद से पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए जाने लगे हैं। बता दें कि इस साल की शुरुआत में त्रिपुरा में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने दोबारा सत्ता हासिल कर अपनी जमीन मजबूत की थी। लेकिन इस दौरान वोट फीसदी में भी बड़ा अंतर देखने को मिला और बीजेपी के हाथ से आदिवासी क्षेत्र की कई सीटें भी निकल गई। बीते साल राज्य में चुनावी दृष्टि से बीजेपी ने नेतृत्व परिवर्तन किया था। जिस दौरान पार्टी ने विप्लव देब की जगह माणिक साहा को राज्य का सीएम बनाया था। वहीं बिप्लब देव को राष्ट्रीय राजनीति में लाने के अलावा राज्यसभा सांसद बनाया गया। 


हालांकि अब बिप्लब देब द्वारा खुलकर सरकार और संगठन को नसीहत देना और बाहरी हस्तक्षेप को लेकर मुखर होने से यह साफ हो गया त्रिपुरा में सब कुछ सही नहीं चल रहा है। वहीं राज्य में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सीएम रहे देब के नजदीकी नेताओं व कार्यकर्ताओं को ज्यादा अहमियत नहीं देने से वह पार्टी से खफा हैं। वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के हस्तक्षेप को लेकर भी विप्लव देव ने नाराजगी जाहिर की है। पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (नेडा) के संयोजक होने के नाते असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा पूरे पूर्वोत्तर को देखते हैं। इसके साथ ही वह बीजेपी के प्रमुख रणनीतिकार भी हैं। ऐसे में कई राज्यों के बीजेपी नेताओं को हिमंत बिस्व सरमा द्वारा किया जा रहा हस्तक्षेप करना पसंद नहीं आ रहा है।


प्राप्त जानकारी के अनुसार, यदि इसका कोई समाधान नहीं निकाला गया तो मणिपुर और असम में पार्टी के भीतर फैली नाराजगी अन्य राज्यों में भी फैल सकती है। वहीं मौजूदा केंद्रीय संगठन भी राज्यों के हालातों को संभालने में अपना कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं। बता दें कि भाजपा ने असम के सीएम रहे सर्वानंद सोनोवाल को दोबारा सीएम नहीं बनाया था। लेकिन उनको केंद्र में मंत्री बना दिया गया था। लेकिन बिप्लब देब के साथ ऐसा नहीं किया गया। जिसके कारण वह असहज हैं।