Bihar में CM नीतीश के किले को ध्वस्त करने की तैयारी में जुटी भाजपा, नई रणनीति पर किया जा रहा काम

LSChunav     Mar 31, 2023
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Bihar में  CM नीतीश के किले को ध्वस्त करने की तैयारी में जुटी भाजपा, नई रणनीति पर किया जा रहा काम

भाजपा बिहार के सीएम नीतीश कुमार को चारों खाने चित्त करने की तैयारी में जुट गई है। भाजपा नीतीश कुमार के वोटबैंक में सेंध लगाने का प्रयास कर रही है। कुशवाहा समुदाय को अपनी ओर करने के लिए बीजेपी बड़े पैमाने पर सम्राट अशोक की जयंती मनाने जा रही है।

भाजपा ने बिहार में अपने खेल को तेज कर दिया है। कुशवाहा वोटर जो नीतीश कुमार के बेस वोट बैंक 'लव-कुश' में से एक है। वहीं भाजपा ने ओबीसी जातियों में अपनी पहुंच को आगे बढ़ाने के साथ ही वोटबैंक में सेंधमारी की जुगत में है। प्रदेश में भाजपा के काम को देखने-परखने के लिए मोदी के प्रमुख सहयोगियों को नियुक्त किया गया है। बीजेपी दो अप्रैल को सासाराम में सम्राट अशोक की जयंती मनाने जा रही है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल होंगे।


सेंधमारी का प्रयास

बिहार बीजेपी के सम्राट चौधरी को नया अध्यक्ष बनाया गया है। उनके अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने के कुछ दिन ही सासाराम में अशोक की जयंती मनाने का फैसला लिया गया। बता दें कि सम्राट चौधरी खुद कुशवाहा जाति से ताल्लुक रखते हैं। वहीं कुशवाहा समुदाय़ सम्राट अशोक को अपने पूर्वज के तौर पर देखता है। कोइरी-कुर्मी, जिन्हें लव-कुश भी कहा जाता है। बिहार में इनकी आबादी करीब 10 फीसदी है। वहीं बिहार के सीएम नीतिश कुमार भी कुर्मी जाति से हैं। नीतीश कुमार ने लालू यादव के मुस्लिम-यादव वोट बैंक से मुकाबला करने के लिए लव-कुश वोटरों का हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया। इसका फायदा नीतीश कुमार को अब तक मिल रहा है।


CM नीतीश पर हमलावर हुए सम्राट चौधरी

सम्राट चौधरी ने मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि बीजेपी सम्राट अशोक की जयंती को मनाने के लिए एक बड़े सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन करने जा रही है। यह भाजपा का एक बड़ा दांव भी माना जा रहा है। कुशवाहा समुदाय़ सम्राट अशोक को अपना पूर्वज मानता है। वहीं नीतीश कुमार लव-कुश मतदाता को अपना बंधुआ मजदूर मानते हैं। यह मतदाता अब भाजपा के साथ आएगा। यादव वोट बैंक की तुष्टिकरण के लिए लव-कुश गठबंधन की उत्पत्ति राजनीति का मुकाबला करने की लिए हुई थी।


इन लोगों को मिली अहम जिम्मेदारी

भाजपा ने बिहार के लिए गुजरात के सुनील ओझा को नया सह-प्रभारी नियुक्त किया है। यह पीएम मोदी के साथ मिलकर काम करते थे। साथ ही पूर्वी यूपी में पार्टी के कामकाज देखते थे। यह खासकर पीएम मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी को देखते थे। सुनील ओझा की नियुक्ति होने के बाद बिहार बीजेपी के दो प्रमुख पदाधिकारी गुजरात से हो गए।जिसमें बिहार बीजेपी के संगठनात्मक सचिव भिखूभाई दलसानिया और प्रदेश बीजेपी के सह प्रभारी सुनील ओझा हैं।


भाजपा की रणनीति

भाजपा के लिए बिहार हमेशा से एक चैलेंज रहा है। यह लगातार भाजपा पार्टी के लिए चुनौतियां खड़ी करता रहा है। अब साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी नए राज्य इकाई प्रमुख और प्रभारियों के साथ अपनी रणनीति पर काम कर रही है। बीजेपी से अलग होने के बाद जेडीयू ने राजद के साथ गठबंधन कर लिया। यह भाजपा के लिए एक गंभीर चुनौती है। क्योंकि यह दोनों दल जातिगत समीकरणों में भाजपा पर भारी पड़ते हैं।