जम्मू-कश्मीर राज्यसभा चुनाव में भाजपा की जीत पर गरमाई सियासत, उमर अब्दुल्ला ने लगाया 'विश्वासघात' का आरोप

बीते दिन शनिवार को जम्मू-कश्मीर के राज्यसभा 4 सीटों के नतीजे घोषित हुए थे। जिसमें एक सीट भाजपा ने जीती है। जिसके बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी पर नेशनल कॉन्फ्रेंस की 3-1 से राज्यसभा जीत निष्पक्ष थी, लेकिन आखिरी समय में किए गए विश्वासघात से यह खराब हो गई। उन्होंने समर्थन के लिए कांग्रेस और सहयोगी दलों का शुक्रिया अदा किया।
शनिवार को जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा की 4 सीटों पर चुनाव के नतीजे घोषित हुए थे। सत्ता में मौजूद नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 3 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, चौथी सीट भाजपा के खाते में आ गई है। अब इस पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बयान दिया है कि राज्यसभा चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की भाजपा पर 3-1 से जीत निष्पक्ष थी, लेकिन मतदान प्रक्रिया के दौरान पार्टी को कुछ वर्गों से "विश्वासघात" का सामना करना पड़ा। 2019 में केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में हुए पहले ऐसे चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने चार में से तीन राज्यसभा सीटें हासिल कीं, जबकि भाजपा ने एक सीट जीती।
उमर अब्दुल्ला ने विश्वासघात का आरोप लगाया है
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, जब अब्दुल्ला से भाजपा को गैर-भाजपा विधायकों से वोट मिलने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "जो विधायक एनसी की बैठकों में शामिल होते थे और साथ खाना खाते थे, वे भाजपा में शामिल हो गए हैं।" उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को हिम्मत दिखानी चाहिए और खुलकर कहना चाहिए कि वे भाजपा का समर्थन करना चाहते हैं। हंदवाड़ा के विधायक सज्जाद लोन का ज़िक्र करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, "वह भाजपा के खिलाफ वोट नहीं देना चाहते थे और अब प्रोफेसर की तरह रील बना रहे हैं। लेकिन उनकी कुछ मजबूरी थी... वह भाजपा को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते थे और इसलिए उन्होंने चुनाव में हिस्सा न लेकर खुलेआम बहिष्कार किया।"
सभी दलों का अब्दुल्ला ने धन्यवाद किया
अब्दुल्ला ने नेशनल कॉन्फ्रेंस का समर्थन करने वाले सभी दलों का धन्यवाद किया और कहा कि उनके सांसद राज्य का दर्जा और विशेष दर्जे की बहाली जैसे मुद्दे उठाएंगे। नए उद्घाटन किए गए उद्यान के बारे में उन्होंने कहा कि इससे "पर्यटन सीजन बढ़ेगा" और घाटी में पुष्प पर्यटन का आकर्षण बढ़ेगा।



