Uttarakhand में ड्रोन नीति का पेश किया गया खाका, जानिए 5 हजार युवाओं को रोजगार मिलने के अलावा क्या होगा खास
अमेरिकी संस्था मैकेंजी ग्लोबल ने प्रदेश में ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड ड्रोन प्रमोशन एंड यूसेज पॉलिसी 2023 का खाका बनाकर पेश किया है। बताया जा रहा है कि ड्रोन उत्पादन और सेवाओं से करीब 5000 युवाओं को रोजगार मिलेगा।
उत्तराखंड में साल 2030 तक आने वाले ड्रोन उत्पादन और सेवाओं से करीब 5000 युवाओं को रोजगार मिलेगा। इस क्षेत्र में जहां एक हजार करोड़ का निवेश लक्ष्य रखा गया है, तो वहीं दूसरी ओर इससे एक हजार राजस्व भी प्राप्त होगा। दो आईटीआई में ड्रोन के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेंगे। इसके अलावा सरकारी कॉलेजों, नैक प्रमाणित निजी विश्वविद्यालयों में ड्रोन स्कूल भी स्थापित किए जाएंगे। ड्रोन निर्माण में 500 करोड़ रुपये और सर्विसेज में 500 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
बनेगी 2 ड्रोन सेल
इससे राज्य सरकार को वार्षिक राजस्व 1000 करोड़ रुपये प्राप्त होगा। वहीं राज्य में 5000 रोजगारों का सृजन होगा। ड्रोन के प्रोत्साहन के लिए प्रदेश में ITDA के अधीन स्टेट ड्रोन कॉर्डिनेशन सेल का गठन किया जाएगा। इसके साथ ही IIT कालसी और IIT काशीपुर को निजी सहभागिता से ड्रोन के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रुप में चयन किया गया है। डीजीसीए ने यहां RPTO यानि की रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन बनाने की अनुमति दी है।
ड्रोन स्कूल
मैकेंजी ग्लोबल के इस प्रस्ताव के तहत प्राइवेट संस्थानों को ड्रोन संबंधी कोर्स और प्रशिक्षण कोर्स चालू किए जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकारी कॉलेजों और नैक से प्रमाणित निजी विश्वविद्यालयों में ड्रोन स्कूल को स्थापित किया जाएगा।
ड्रोन पॉलिसी का ड्राफ्ट
सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी ITDA ने ड्रोन पॉलिसी का ड्राफ्ट ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी कर दिया है। इस ड्राफ्ट पर जनता और हितधारकों से उनके सुझाव मांगे गए हैं। ITDA की निदेशक नितिका खंडेलवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि पॉलिसी पर जनता के सुझाव लिए जाने के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। जिसके बाद इस ड्राफ्ट को कैबिनेट में रखा जाएगा। अगर आप भी इस पर अपना सुझाव देना चाहते हैं तो ITDA की वेबसाइट पर जाकर इस ड्राफ्ट को पढ़ लें और फिर दिए गए ई-मेल पर अपना सुझाव भेजें।