Ratnagiri-Sindhudurg Lok Sabha Seat: विनायक राउत vs नारायण राणे के बीच मुकाबला, जानिए यहां का समीकरण

LSChunav     May 02, 2024
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Ratnagiri-Sindhudurg Lok Sabha Seat: विनायक राउत vs नारायण राणे के बीच मुकाबला, जानिए यहां का समीकरण

इस साल के लोकसभा चुनाव में रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग सीट पर शिवसेना-यूबीटी और बीजेपी के बीच मुकाबला है। जहां शिवसेना-यूबीटी ने इस सीट से विनायक राउत पर भरोसा जताया है, तो वहीं भाजपा ने इस सीट से नारायण राणे को चुनावी मैदान में उतारा है।

महाराष्ट्र की हॉट सीटों में शुमार रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट पर इस बार बेहद दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। बता दें कि इस लोकसभा सीट को रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिले की तीन-तीन विधानसभाओं को मिलाकर बनाया गया है। साल 2008 में यह लोकसभा सीट अस्तित्व में आई थी। वहीं साल 2009 में यहां पर पहला संसदीय चुनाव हुआ था।

 

पहले चुनाव में यहां से कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की थी। जिसके बाद यह सीट शिवसेना यूबीटी के कब्जे में रही। वहीं इस साल के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर शिवसेना-यूबीटी और बीजेपी के बीच मुकाबला है। जहां शिवसेना-यूबीटी ने इस सीट से विनायक राउत पर भरोसा जताया है, तो वहीं भाजपा ने इस सीट से नारायण राणे को चुनावी मैदान में उतारा है।


बीजेपी प्रत्याशी नारायण राणे

आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा क्षेत्र ने नारायण राणे को अपना उम्मीदवार बनाया है। इससे पहले भाजपा ने इस सीट पर अपना कोई प्रतिनिधि नहीं खड़ा किया है। पहले एनडीए गठबंधन में शामिल रही शिवसेना इस क्षेत्र से चुनाव लड़ती आई है।

 

नारायण राणे पहले शिवसेना में थे, लेकिन साल 2005 में उन्होंने पार्टी का साथ छोड़ दिया था। राणे बीजेपी के समर्थन से राज्यसभा के सांसद बनें। केंद्रीय मंत्री राणे ने दावा किया है कि इस चुनाव के बाद उद्धव की शिवसेना के पास एक भी सांसद नहीं रह जाएगा।


शिवसेना-यूबीटी प्रत्याशी विनायक राउत

इस बार महाविकास अघाड़ी में शामिल शिवसेना-यूबीटी ने रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग सीट से पुराने उम्मीदवार विनायक राउत को लगातार तीसरी बार इस सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। बता दें कि विनायक ने साल 1985 से अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की थी। साल 1999 में वह विले पारले सीट से शिवसेना के टिकट पर राज्य विधानसभा चुनाव में खड़े हुए थे।

 

वहीं इस चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की थी। इसके अलावा वह नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत परामर्श समिति, ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति, नियम समिति और आपदा जोखिम शमन संबंधी राष्‍ट्रीय मंच (एनपीडीआरआर) के सदस्य भी रहे हैं।