Purnia Lok Sabha Seat: पप्पू यादव के कारण बिहार की इस सीट पर बेहद दिलचस्प हुआ मुकाबला, JDU-RJD के बीच मुख्य टक्कर

LSChunav     Apr 22, 2024
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Purnia Lok Sabha Seat: पप्पू यादव के कारण बिहार की इस सीट पर बेहद दिलचस्प हुआ मुकाबला, JDU-RJD के बीच मुख्य टक्कर

कभी 4 साल तक बिना सांसद के रहने की वजह से चर्चा में रही पूर्णिया सीट एक बार फिर 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सुर्खियां बटोर रही है। इस सीट पर आरजेडी, जेडीयू और निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उतरे पप्पू यादव के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।

देश का बिहार राज्य अपनी राजनीति के कारण हमेशा चर्चा का केंद्र बना रहता है। बिहार की पूर्णिया लोकसभा सीट कई मायनों में खास है। कभी 4 साल तक बिना सांसद के रहने की वजह से चर्चा में रही पूर्णिया सीट एक बार फिर 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सुर्खियां बटोर रही है। इस सीट से तीन बार सांसद रह चुके राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के कारण यह सीट चर्चा में बनी है। दरअसल, पूर्णिया से महागठबंधन से टिकट की चाह में पप्पू यादव ने कांग्रेस ज्वाइन कर लिया। लेकिन पप्पू यादव के साथ खेला हो गया। 


क्योंकि यह सीट आरजेडी के पास चली गई और पार्टी ने बीमा भारती को उम्मीदवार चुन लिया। लेकिन पप्पू यादव ने भी हार नहीं मानी और उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर इस सीट से नामांकन भर दिया। उन्होंने इस सीट से मुकाबले को बेहद दिलचस्प बना दिया। ऐसे में सवाल उठा कि क्या पप्पू यादव द्वारा की गई यह बगावत इंडिया महागठबंधन पर भारी पड़ेंगे। इस आर्टिकल के जरिए हम आपको पूर्णिया लोकसभा सीट के सियासी समीकरण और प्रत्याशियों के बारे में बताने जा रहे हैं। 


आरजेडी प्रत्याशी बीमा भारती

पूर्णिया सीट से राजद पार्टी ने बीमा भारती को अपना प्रत्याशी बनाया है। बता दें राजद ने इस सीट से बीमा भारती को चुनाव में उतारकर एक तीर से दो निशाने लगाने का काम किया है। पहला तो राजद ने भाजपा के वोटबैंक कुशवाहा में सेंधमारी का प्रयास किया तो वहीं दूसरा आधी आबादी का प्रतिनिधित्व भी कर डाला है। बीमा भारती ने साल 2000 में पहला चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। जिसके बाद साल 2005 के विधानसभा चुनाव में हार हुई थी। इसके अलावा साल 2019 में वह गन्ना उद्योग मंत्री बनी और इस पद पर वह 16 नवंबर 2020 तक रहीं।


निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव 

इस सीट से पप्पू यादव ने निर्दलीय के तौर पर चुनावी ताल ठोंकी है। बता दें कि 11वीं लोकसभा के चुनाव में पप्पू यादव ने सपा के टिकट से पूर्णिया सीट जीत हासिल की थी। इस जीत ने पप्पू यादव को एक बड़े नेता के तौर पर पहचान दिलाई। ऐसे में इंडिया महागठबंधन की ओर से यह सीट आरजेडी के पास जाने के बाद पप्पू यादव ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया।


जेडीयू प्रत्याशी संतोष कुशवाहा

जेडीयू पार्टी ने इस सीट से संतोष कुशवाहा को प्रत्याशी बनाया है। हांलाकि पिछले कुछ चुनावों पर नजर डालें तो अब पूर्णिया लोकसभा सीट NDA का गढ़ माना जाता है। साल 2004 और 2009 में इस सीट पर भाजपा का कब्जा रहा है। तो वहीं जेडीयू के संतोष कुशवाहा 10 सालों से पूर्णिया से जीत हासिल कर रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर NDA के घटक दल जेडीयू ने संतोष कुशवाहा पर भरोसा जताया है।