महाराष्ट्र आवंटन विभाग: एकनाथ शिंद एक बार फिर अपने गांव पहुंचे, विभाग बंटने के बाद किस चीज को लेकर नाराजगी
दरअसल, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शहरी विकास और लोक निर्माण विभाग मिला है। ऐसे में एकनाथ शिंदे फिर से गांव पहुंचने पर चर्चाएं तेज हैं। सोमवार को अजित पवार अपना काककाज संभालने के लिए अपने गांव पहुंच गए है।
महाराष्ट्र सरकार ने कई सप्ताह से चल रहे सस्पेंस को खत्म करते हुए शनिवार को राज्य मंत्रिमंडल के लिए विभागों की घोषणा कर दी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने पास गृह मंत्रालय रखा है, जबकि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शहरी विकास मंत्रालय मिला है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार राज्य के वित्त विभाग का कार्यभार संभालेंगे। उन्हें आबकारी विभाग भी दिया गया है। रविवार को उपमुख्यमंत्री अपने पैतृक गांव पहुंचे। एकनाथ शिंदे सरकार गठन से पहले भी अपने पैतृक गांव पहुंचे थे। तब कहा था कि तबियत ठीक नहीं है।
क्या नाराज है मुख्यमंत्री
अब चर्चाएं है कि वह नाराज हैं और मुख्यमंत्री पद या फिर कम से कम होम मिनिस्ट्री अपने लिए चाहते हैं। वैसे डिप्टी सीएम का पद और तीन भारी-भरकम मंत्रालय संभालने वाले एकनाथ शिंदे का यूं तीन दिनों के लिए गांव जाना कोई सामान्य बात नहीं है।
अजीत पवार संभालने जा रहे हैं कार्यभर तो एकनाथ शिंदे क्यों नहीं?
एकनाथ शिंदे के फिर से गांव पहुंचने पर चर्चाएं काफी तेज है। इस सोमवार से अजीत पवार कार्य संभालने जा रहे हैं लेकिन शिंदे अपने गांव पहुंच गए। बता दें कि, राज्य में कुल 42 मंत्री बनाए गए है। इनमें सबसे ज्यादा लोग चाहते हैं कि उन्हें किसी जिले का प्रभारी मंत्री बना दिया जाए। हालांकि, नेता ऐसे जिलों का प्रभारी मंत्री बनना चाहते हैं, जहां उनका जनाधर है। इसका कारण यह है कि प्रभारी मंत्री के पास जिले की योजना और विकास परिषद के फंड का नियंत्रण होता है। यह फंड शहर के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए प्रयोग किया जाता है।