Andhra Pradesh Corruption: APSSDC में करोड़ों रुपए के घोटाले में पूर्व सीएम गिरफ्तार, करप्शन के खिलाफ CID का बड़ा एक्शन

LSChunav     Dec 29, 2023
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Andhra Pradesh Corruption: APSSDC में करोड़ों रुपए के घोटाले में पूर्व सीएम गिरफ्तार, करप्शन के खिलाफ CID का बड़ा एक्शन

आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम और तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि उन पर APSSDC में ₹300 करोड़ के कथित घोटाले का आरोप है।

आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम और तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि उन पर करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप है। पूर्व सीएम की गिरफ्तारी के बाद टीडीपी के कई नेताओं को भी नजरबंद कर दिया गया है। नांदयाल रेंज के डीआइजी रघुरामी रेड्डी और अपराध जांच विभाग ने पूर्व सीएम नायडू की गिरफ्तारी की है। बता दें कि उन पर स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन घोटाले का केस चल रहा है। वहीं गिरफ्तारी के बाद पूर्व सीएम के समर्थकों ने भारी संख्या में एकजुट होकर पुलिस का विरोध किया।


राज्य कौशल विकास निगम घोटाला

आंध्र प्रदेश पुलिस के अपराध जांच विभाग द्वारा तेलुगु देशम पार्टी शासन के दौरान APSSDC में ₹300 करोड़ के कथित घोटाले की जांच शुरू की थी। आपको बता दें कि भारतीय रेलवे यातायात सेवा के रिटायर्ड अफसर अर्जा श्रीकांत को इस मामले का नोटिस जारी किया गया था। साल 2016 में रिटायर्ड अफसर APSSDC के CEO थे। वह आरोपी से सरकारी गवाह बनें, जो तीन IAS अफसरों के बयान पर आधारित था।


आपको बता दें कि टीडीपी सरकार के कार्यकाल के दौरान साल 2016 में बेरोजगार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर सशक्त बनाने के उद्देश्य से एपीएसएसडीसी की स्थापना की गई थी। वहीं तत्कालीन सरकार ने ₹3,300 करोड़ की एक परियोजना के लिए एमओयू साइन किया था। इस समझौते में डिज़ाइन टेक सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, सीमेंस इंडस्ट्री सॉफ्टवेयर इंडिया लिमिटेड और एक संघ शामिल था।

 

कौशल विकास के लिए छह सेंटर ऑफ एक्सलेंस केंद्र बनाने का काम सीमेंस इंडस्ट्री सॉफ्टवेयर इंडिया को सौंपा गया था। वहीं टीडीपी सरकार को इस परियोजना की कुल लागत का 10 फीसदी देना था। जबकि बाकी बची हुई रकम का अनुदान सीमेंस और डिज़ाइन टेक को सहायता के रुप में प्रदान करना था।


वहीं इस मामले की जांच के दौरान कई अनियमितताएं उजागर हुईं, जोकि इस प्रकार से हैं-


मानक निविदा प्रक्रिया का पालन किए बिना प्रोजेक्ट की शुरूआत की गई।


इस प्रोजेक्ट के लिए राज्य कैबिनेट ने मंजूरी नहीं दी।


कथित तौर पर प्रोजेक्ट में अपने खुद के किसी भी संसाधन का निवेश करने में सीमेंस इंडस्ट्री सॉफ्टवेयर इंडिया विफल रही। सीमेंस इंडस्ट्री सॉफ्टवेयर इंडिया ने विभिन्न शेल कंपनियों को राज्य द्वारा एलॅाटेड ₹371 करोड़ का एक बड़ा हिस्सा भेज दिया।


सीमेंस ग्लोबल कॉरपोरेट ऑफिस ने जब प्रोजेक्ट की तहकीकात शुरू की तो पाया गया कि प्रोजेक्ट मैनेजर ने शेल कंपनियों को सरकार द्वारा दी गई रकम का दुरुपयोग किया था। जिसके बाद प्रोजेक्ट मैनेजर को सस्पेंड कर दिया गया था।