9 Years of Modi Government: पिछले 9 सालों में डिफेंस सेक्टर में किए गए अहम बदलाव, आत्मनिर्भर बना यह क्षेत्र

अनन्या मिश्रा     Sep 19, 2023
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9 Years of Modi Government: पिछले 9 सालों में डिफेंस सेक्टर में किए गए अहम बदलाव, आत्मनिर्भर बना यह क्षेत्र

एक समय था जब हम रक्षा क्षेत्र की हर छोटी-बड़ी जरूरतों के लिए दूसरे देशों पर महतोज थे। लेकिन अब इस स्थिति में धीरे-धीरे बदलाव आ रहा है। भारत सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए कई नीतिगत पहल की हैं।

एक समय था जब हम रक्षा क्षेत्र की हर छोटी-बड़ी जरूरतों के लिए दूसरे देशों पर महतोज थे। लेकिन अब इस मोर्चे पर भारत की स्थिति में धीरे-धीरे बदलाव हो रहा है। भारत रक्षा क्षेत्र में भी 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के सपने को लेकर आगे बढ़ रहा। वहीं आत्मनिर्भर बनने के साथ ही देश मजबूती के साथ आगे की ओर कदम बढ़ा रहा है। वैश्विक स्तर पर जैसे-जैसे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। रक्षा क्षेत्र के लिए जरूरी सामानों के आयात को भारत कम कर रहा है। इसके लिए 'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत घरेलू बुनियादी ढांचे के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है। 


रक्षा आधुनिकीकरण

पिछले 9 सालों में मोदी सरकार ने उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण पर जोर दिया है। इसके तहत पनडुब्बियों, आर्टिलरी सिस्टम, फाइटर जेट, हेलीकाप्टरों और मिसाइल डिफेंस सिस्टम की खरीद समेत कई प्रमुख रक्षा सौदों और अधिग्रहणों को अंतिम रूप देने का काम किया गया है।


रक्षा बजट

पिछले 9 सालों में रक्षा बजट में लगातार वृद्धि देखने को मिली है। केंद्र सरकार देश की डिफेंस सेक्टर को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। डिफेंस सेक्टर में बढ़ी हुई धनराशि से रिसर्च और विकास, आधुनिकीकरण और अधिग्रहण के लिए आवंटित की गई है। 


आयात को कम करने का यह अर्थ नहीं है कि इन सामानों की जरूरत नहीं है। लेकिन अब देश अपने ही यहां पर इन सामानों को बनाए जाने पर फोकस कर रहा है। रक्षा क्षेत्र में 'आत्मनिर्भर भारत' के संकल्पना को पूरा करने के लिए भारत सरकार प्रयास कर रही है। केंद्र सरकार पिछले कुछ सालों से देश में रक्षा क्षेत्र से जुड़े घरेलू उद्योग को मजबूत करने के लिए ठोस फैसले ले रही है। केंद्र सरकार घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उपकरणों, पुर्जों और सेवाओं की लगातार पहचान कर रही है। जिससे कि इनसे जुड़ी जरूरतों को देश की कंपनियों से पूरा किया जा सकता है।


इसके तहत समय-समय पर रक्षा मंत्रालय ऐसे कल-पुर्जों और कंपोनेंट्स की लिस्ट जारी करता रहता है। इन्हें सिर्फ घरेलू कंपनियों से ही खरीदा जा सकेगा। इस सकारात्मक स्वदेशीकरण लिस्ट यानी Positive Indigenisation List कहते हैं। रक्षा मंत्रालय ने इसी परंपरा को आगे ले जाते हुए हाल ही में 'सकारात्मक स्वदेशीकरण' सूची (PIL) को मंजूरी दे दी। इस लिस्ट में 928 पुर्ज़ों और सब-सिस्टम शामिल हैं। जिसमें सब-सिस्टम्स और अलग-अलग सैन्य प्लेटफॉर्म, लाइन रिप्लेसमेंट यूनिट्स, उपकरण और हथियारों में प्रयोग किए जाने वाले कल-पुर्जे, हाई-ऐंड मटीरियल्स और कंपोनेंट्स शामिल हैं।


रक्षा मंत्रालय की तरफ से जो भी लिस्ट जारी की जाती है, लिस्ट में शामिल उन सामानों या सेवाओं के आयात पर रोक लगा दी जाती है। रक्षा मंत्रालय की चौथी लिस्ट में 928 चीजें शामिल हैं। जिनका आयात प्रतिस्थापन मूल्य 715 करोड़ रुपये है। इन चीजों के आयात में लगी राशि को सरकार को खर्च करना पड़ता है। इन वस्तुओं के आयात प्रतिबंध को लेकर रक्षा मंत्रालय ने भी समय सीमा स्पष्ट कर दिया है। चौथी लिस्ट में शामिल चीजों के लिए समय सीमा दिसंबर 2023 से लेकर दिसंबर 2028 तक 5 साल है।


4 सूची जारी कर चुका रक्षा मंत्रालय

इससे पहले इस तरह की 3 सूची रक्षा मंत्रालय ने जारी की थी। जिसमें पहली लिस्ट दिसंबर 2021, दूसरी सूची मार्च 2022, तीसरी सूची अगस्त 2022 जारी की गई थी। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का सबसे प्रमुख कारक घरेलू खरीद की हिस्सेदारी बढ़ाई जाएगी। रक्षा मंत्रालय की तऱफ से प्राप्त जानकारी के मुताबिक सूचियों में शामिल 2500 आइटम में से 1238 आइटम समय सीमा के अंदर भारत में तैयार किए जाएंगे। 


रक्षा मंत्रालय की तरफ से प्राप्त जानकारी के मुताबिक सरकारी कंपनियां इन जरूरतों को देश में बनाकर पूरी करेंगी। इन आइटम में कुछ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग बनाए जाएंगे। इससे देश की अर्थव्यवस्था में मदद मिलने के साथ ही रक्षा क्षेत्र में निवेश भी बढ़ेगा। देश में रक्षा उपकरणों की डिजाइन क्षमता भी बढ़ेगी। भारत सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए कई नीतिगत पहल की हैं। इसके तहत विकास और निर्माण को प्रोत्साहित करना, रक्षा उपकरणों के स्वदेशी डिजाइन आदि शामिल हैं। हर साल केंद्रीय बजट में भारत सरकार पूंजीगत खर्च यानी कैपिटल एक्सपेंडिचर को भी बढ़ा रही है।