Jammu Kashmir Economy: अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर की GSDP में दर्ज की गई बढ़ोत्तरी, जानिए कितना बदला राज्य

अनुच्छेद 370 हटाए जाने के 4 साल बाद जम्मू-कश्मीर की सकल राज्य घरेलू उत्पादन यानी जीएसडीपी दोगुनी हो गई है। साथ ही इसमें एक अभूतपूर्व आर्थिक भी परिवर्तन देखा गया।
केंद्र सरकार ने साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त दिया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार के इस फैसले को हरी झंडी दिखा दी थी। इस अनुच्छेद के जरिए जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान किया गया था। लेकिन अनुच्छेद 370 हटाए जाने के 4 साल बाद जम्मू-कश्मीर की सकल राज्य घरेलू उत्पादन यानी जीएसडीपी दोगुनी हो गई है। साथ ही इसमें एक अभूतपूर्व आर्थिक भी परिवर्तन देखा गया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जानकारी देते हुए बताया कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से पहले जम्मू-कश्मीर की जीएसडीपी 1 लाख करोड़ रुपए थी। लेकिन इन चार सालों में यह दोगुनी होकर 2,27,927 करोड़ रुपए पहुंच गई है। केंद्रीय गृह मंत्री के मुताबिक अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर से आतंकवाद भी काफी हद तक कम हो गया है और कामकाज के लिए बेहतर माहौल हुआ है। साथ ही राज्य में भारती विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ।
केंद्र शासित प्रदेश के आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के मुताबिक कृषि, बागवानी, पर्यटन, उद्योगों और सेवा क्षेत्रों पर जोर दिया जा रहा है। इस तरह से अगले आने वाले पांच सालों में जम्मू-कश्मीर की जीएसडीपी वर्तमान समय से दोगुनी होने की संभावना है। साल के शुरूआत में जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि हाल के वर्षों में जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था राष्ट्रीय औसत से अधिक तेजी से बढ़ी है। साथ ही यहां पर एक्सप्रेसवे, सुरंग, पुल, विश्व स्तरीय राष्ट्रीय राजमार्ग, फ्लाईओवर, रिंग रोड बन रहे हैं। साथ ही हवाई अड्डों को भी अपग्रेड किया जा रहा है।
जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। आधे से अधिक कार्य कृषि गतिविधियों से जुड़े हुए हैं। ऐसे में विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश करने के साथ ही क्षेत्र को बदलने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। संभावना है कि आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर की जीएसडीपी में दोगुनी हो जाएगी और किसानों की आय भी दोगुनी हो जाएगी।