Buxar Lok Sabha Seat: बक्सर में किस पार्टी की टेंशन बढ़ा रहे निर्दलीय प्रत्याशी आनंद मिश्रा, जानिए कौन होगा गंगा पार

अनन्या मिश्रा     May 30, 2024
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Buxar Lok Sabha Seat: बक्सर में किस पार्टी की टेंशन बढ़ा रहे निर्दलीय प्रत्याशी आनंद मिश्रा, जानिए कौन होगा गंगा पार

बिहार की बक्सर लोकसभा सीट पर इस बार काफी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। इस सीट से बीजेपी ने मिथिलेश तिवारी और RJD ने सुधाकर चौबे को उतारा है। तो वहीं पूर्व IPS अधिकारी आनंद मिश्रा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में हैं।

बिहार की बक्सर लोकसभा सीट पर इस बार काफी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। जहां भाजपा ने दो बार के सांसद रहे अश्विनी चौबे का टिकट काटकर मिथिलेश तिवारी को अपना प्रत्याशी बनाया है। तो वहीं राजद ने इस सीट से जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह को चुनावी रण में उतारा है। वहीं पूर्व IPS अधिकारी आनंद मिश्रा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में है। ऐसे में इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है।


बीजेपी प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी

भारतीय जनता पार्टी ने दो बार सांसद रहे अश्विनी चौबे का टिकट काटकर मिथिलेश तिवारी को बक्सर सीट से उतारा है। दरअसल, पिछले 3 दशक से मिथिलेश तिवारी यहां पर सक्रिय हैं। तो वहीं अश्विनी चौबे को लेकर स्थानीय लोगों के अच्छी-खासी नाराजगी है। ऐसे में मिथिलेश को उम्मीदवार बनाकर पार्टी ने लोगों की नाराजगी को दूर करने की कोशिश की है। तो वहीं तिवारी भी हरसंभव प्रयास कर रहे हैं कि भाजपा के कोर वोट बैंक में किसी तरह की दरार न आए।


RJD प्रत्याशी सुधाकर सिंह

राष्‍ट्रीय जनता दल ने पार्टी के वरिष्‍ठ नेता जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं सुधाकर जेडीयू-आरजेडी गठबंधन सरकार में कृषि मंत्री पद पर भी रह चुके हैं। वहीं उनके पिता जगदानंद सिंह फिलहाल आरजेडी के अध्यक्ष हैं। सुधाकर को हमेशा अपने आसपास राजनीतिक माहौल मिला है। हालांकि बक्सर सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा और आरजेडी के बीच है। साल 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनावों में उन्होंने पहली बार रामगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर हासिल की थी। 


निर्दलीय प्रत्याशी आनंद मिश्रा

इस बार बक्‍सर लोकसभा सीट से पूर्व IPS अधिकारी आनंद मिश्रा भी अपना भाग्‍य आजमा रहे हैं। बता दें कि राजनीति में आने के लिए आनंद मिश्रा ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। असम-मेघालय कैडर के 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा का संक्षिप्त उतार-चढ़ाव भरा सफर है। उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा उनको बक्सर सीट से टिकट देगी, लेकिन ऐसा न होने पर उन्होंने निर्दलीय़ चुनाव लड़ने का फैसला किया।