अयोध्या के इकबाल अंसारी बोले, बाबर मेरा मसीहा नहीं, मुर्शिदाबाद में 'बाबरी मस्जिद' की नींव रखी गई

टीएमसी से निलंबित हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी मस्जिद’ की नींव रखी, जिस पर विवाद खड़ा हो गया है। इस कदम पर कई नेताओं के साथ मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी कड़ी आपत्ति जताई है।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में टीएमसी से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद जैसे दिखने वाले ढांचे की नींव रखी,जिसके बाद पूरे देश में विवाद खड़ा हो गया है। कई नेता इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे चुके हैं और मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी इस पर आपत्ति जताई है। इसी बीच, अयोध्या में बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि बाबर उनके लिए कोई मसीहा नहीं था। उन्होंने कहा कि चुनाव आते ही कुछ लोग ऐसे मुद्दे उठाकर जनता को भड़काने की कोशिश करते हैं, जो बिल्कुल गलत है। इकबाल अंसारी ने यह बात एक टीवी चैनल से बातचीत में कही।
कौन है इकबाल अंसारी?
आपको बता दें कि, बाबरी मस्जिद की पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया, उसे पूरे देश के मुसलमानों ने सम्मान के साथ स्वीकार किया है। उस दौरान पूरे देश में एक पत्ता नहीं हिला। आज अयोध्या में राम मंदिर बनकर तैयार है। श्री राम जन्मभूमि की प्राण प्रतिष्ठा से लेकर ध्वजरोहण हो चुका है। अयोध्या की धरती पर हिंदू-मुस्लिम का भाईचारा बरकारार है। उन्होंने यह भी कहा कि, जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आया था, तब तक लोग गम और काला दिवस भी मनाते थे, लेकिन फैसला आने के बाद ऐसा कुछ नहीं है। यहां काला दिवस की कोई जरुरी नहीं है।
मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव पर बोले इकबाल अंसारी
इतना ही नहीं, इकबाल अंसारी ने विधायक हुमायूं कबीर द्वारा मुर्शिदाबाद में 'बाबरी मस्जिद'की नींव रखे जाने पर कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए, जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला लिया कि मुसलमानों को पांच एकड़ जमीन मिल गई और हिंदुओं को राम मंदिर मिल गया है। चुनाव के दौरान ही राजनीति करने वाले लोग राजनीति करते हैं। बाबर मेरा कोई मसीहा नहीं है। गौरतलब है कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया था। इसके चलते 6 दिसंबर के दिन टीएमसी से निकाले गए विधायक हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद जैसे ढांचे की नींव रखी है, जिसका देशभर में जोरदार विरोध किया जा रहा है।



