जम्मू-कश्मीर में तेज़ हुई राजनीतिक हलचल, क्या फिर कुछ बड़ा करने की तैयारी में है मोदी सरकार?

LSChunav     Jun 21, 2021
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जम्मू-कश्मीर में तेज़ हुई राजनीतिक हलचल, क्या फिर कुछ बड़ा करने की तैयारी में है मोदी सरकार?

24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक जम्मू और कश्मीर के राज्य की बहाली की दिशा में एक बड़ा कदम है। बैठक के लिए आमंत्रित लोगों में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और गुलाम नबी आजाद शामिल हैं।

जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक हलचल एक बार फिर तेज हो गयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जून को राजधानी दिल्ली में केंद्र शासित प्रदेश के नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक करेंगे। आर्टिकल 370 के हटने के बाद यह पहली ऐसी कवायद है। इस बैठक में कश्मीर के सभी दलों के नेता शामिल होंगे। 24 जून को होने वाली बैठक से पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की है। पीएम मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ महत्वपूर्ण बैठक की है। हाल में ही जम्मू कश्मीर को लेकर गृह मंत्रालय के उच्च स्तरीय बैठक हुई थी इसमें अमित शाह के अलावा जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी शामिल थे। मनोज सिन्हा ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की है।

सूत्रों के अनुसार 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक जम्मू और कश्मीर के राज्य की बहाली की दिशा में एक बड़ा कदम है। बैठक के लिए आमंत्रित लोगों में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और गुलाम नबी आजाद शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार बैठक में पीएम घाटी में राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने के ब्लूप्रिंट पर चर्चा कर सकते हैं। दावा किया जा रहा है देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इस पर कई महीनों से काम कर रहे हैं। माना जा रहा है कि यह बैठक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने सहित राजनीतिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने के लिए केंद्र की पहल का हिस्सा है। सूत्र दावा कर रहे हैं कि बैठक में केंद्र के अनुच्छेद 370 हटाने का कदम और उसके बाद मुख्यधारा के दलों के राजनीतिक नेताओं को हिरासत में लेने के  फैसले पर भी चर्चा होने की संभावना है।

सूत्र यह भी दावा कर रहे हैं कि केंद्र सरकार राज्य में परिसीमन की ओर भी बढ़ रही है। परिसीमन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी निर्वाचन क्षेत्रों की भौगोलिक स्थितियों के बारे में विभिन्न सूचनाओं पर चर्चा करने के लिए जम्मू कश्मीर के सभी उपायुक्तों के साथ अगले कुछ दिनों में वर्चुअल बैठक करेंगे। मार्च 2020 में गठित इस आयोग को जम्मू कश्मीर के निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाएं फिर से तय करने का जिम्मा दिया गया है। जम्मू कश्मीर में अभी केंद्र का शासन है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाले परिसीमन आयोग को जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित प्रतिनिधियों की संख्या 107 से बढ़ाकर 114 करने का काम सौंपा गया है। परिसीमन आयोग ने मौजूदा निर्वाचन क्षेत्रों के इलाके पर हाल ही में आंकड़ें मांगे थे और इन्हें ‘‘भौगोलिक रूप से और अधिक सुव्यवस्थित’’ बनाने के लिए आयोग ने उपायुक्तों से इस संबंध में सुझाव देने के लिये कहा था। सूत्रों के मुताबिक पीएम पार्टियों को यह भी आश्वासन देंगे कि 2018 से लंबित क्षेत्र में चुनाव जल्द ही कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रीय दल चुनाव प्रक्रिया में भाग लेंगे, जो परिसीमन प्रक्रिया के बाद होने की उम्मीद है।