Development in Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर चढ़ रहा विकास की सीढ़िया, आतंक मुक्त और विकास युक्त होकर बढ़ रहा आगे

अनन्या मिश्रा     Sep 29, 2023
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Development in Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर चढ़ रहा विकास की सीढ़िया, आतंक मुक्त और विकास युक्त होकर बढ़ रहा आगे

पिछले 9 वर्षों में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर विकास की सीढ़िया चढ़ रहा है। यह सिर्फ कागजों पर ही नहीं बल्कि धरातल पर भी प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है। साल 2019 में अनुच्छेद 370 निषेध होने के बाद केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को मुख्यधारा से जोड़ने की कवायद शुरू कर दी थी।

पिछले 9 वर्षों में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर विकास की सीढ़िया चढ़ रहा है। यह सिर्फ कागजों पर ही नहीं बल्कि धरातल पर भी प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है। कभी सड़क, बिजली, पानी के साथ ही अन्य सुविधाओं से वंचित कश्मीर वासियों के लिए साल 2014 से ही केंद्र की मोदी सरकार संवेदनशील रही है।

 

हांलाकि साल 2019 में अनुच्छेद 370 निषेध होने के बाद केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को मुख्यधारा से जोड़ने की कवायद शुरू कर दी थी। केंद्र सरकार की कोशिशों को स्थानीय लोगों का भी साथ मिला। आज जम्मू-कश्मीर में ना सिर्फ आतंकी गतिविधियों से प्रभावी तरीके से निपटा जा रहा है, बल्कि लोगों के साथ ही उनकी तकदीर भी बदलती दिख रही है।

 

पिछले 9 सालों में एक के बाद एक कई ऐसे अहम कदम उठाए गए हैं, जिनसे आई बदलाव की बयार को देखा जा सकता है। जम्मू-कश्मीर के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी बेहतर होने के साथ ही वहां के लोगों को अन्य सुविधाएं भी मिल रही हैं। तो आइए जानते हैं कि इन 9 सालों में जम्मू कश्मीर कितना बदला है।


ऐसे जली बदलाव की लौ

साल 2014 में केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद कश्मीर में बदलाव की लौ जलने लगी थी। लेकिन वहां के स्थानीय संगठनों के लोग सरकार के विकास कार्यों में बाधा डाल रहे थे। वह पैसों का लालच देकर वहां के युवाओं के हाथों में पत्थर व बंदूख जैसी चीजें थमा रहे थे। सरकार स्थानीय लोगों को शिक्षा और रोजगार से जोड़ना चाहती थी। सरकार के इस कार्य में सेना ने काफी मदद की। स्थानीय लोगों को गुमराह कर उनके अधिकारों का हनन करने वाले लोगों पर सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया। जिसके बाद आतंकवाद और अलगाववाद को खुराक देने वाले मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क के खुलासे के साथ ही साथ कई बड़े नेताओं की भी कलई खुलने लगी। बता दें कि अब तक कश्मीर से 18 अलगाववादी नेताओं को एनआईए गिरफ्तार कर चुकी है। 


ऐसे हुई स्वर्णिम युग की शुरूआत

जहां एक ओर कश्मीर में गोलियों की आवाज सुनाई देती थी, तो वहीं अगस्त 2019 से जम्मू-कश्मीर में अस्थाई रूप से लागू अनुच्छेद 370 हटाने के बाद इसकी तस्वीर बदल गई। जम्मू कश्मीर पर लिए गए ऐतिहासिक फैसले के बाद संसद द्वारा पारित सैकड़ों कानून यहां पर भी दूसरे राज्यों की तरह लागू किया गया। इस तरह से देश के कई केंद्रीय कानून और योजनाओं से स्थानीय लोग भी लाभान्वित हो रहे हैं। 


ऐसे रोकी गई आतंकी फंडिंग

सरकार ने आतंकवाद से निपटने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। आतंकी वित्तपोषण से निपटने के लिए सबसे पहले गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम, 1967 के प्रावधानों को मजबूती प्रदान की गई। वहीं मंत्रालय ने एजेंसियों द्वारा सूचना साझा करने के लिए जाली भारतीय करेंसी नोट समन्वय समूह बनाया गया। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 24 घंटे निगरानी के लिए चौकियां स्थापित की गई है। सीमा पर बाड़ लगाने के साथ सीमा पर भी बाड़ लगाए गए। जिन पर कभी गश्त होती है। 


सरकार ने तोड़ी आतंकियों की कमर

प्राप्त जानकारी के अनुसार, साल 2019 की तुलना में जम्मू कश्मीर में आतंकी हिंसा की घटनाओं में 59% तक की कमी आई है। अब जम्मू कश्मीर में सरकारी कार्यालय, शैक्षिक और स्वास्थ्य केंद्र, दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान, सार्वजनिक परिवहन आदि सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। 


रेल, सड़क, संचार

इसके अलावा सरकार ने यहां पर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए सड़क, रेल से लेकर संचार पर भी फोकस किया है। जहां बीते कुछ सालों में बॉर्डर के निकट के जिन गांव में आपको पहुंचने में मुश्किल का सामना करना पड़ता था। तो वहीं अब उन गावों तक सड़कें बनी हैं। इसके अलावा सरकार रेलवे नेटवर्क के माध्यम से जम्मू-कश्मीर को पूरे भारत से जोड़ने का प्रयास कर रही है। बता दें कि सुरक्षा के हिसाब से उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना के कटड़ा-बनिहाल सेक्शन का काम दिसंबर साल 2024 तक पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही बिजली परियोजनाएं क्षेत्र को बिजली में आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही हैं। 


स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट

जम्मू-कश्मीर के इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करें तो 'स्मार्ट सिटी' प्रोजेक्ट के तहत श्रीनगर के 20 धार्मिक स्थलों का रेनोवेट किए जाने का काम किया जा रहा है। इसके साथ ही शहर के पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक तकनीक के साथ फिर से डिजाइन किया जाएगा। पहले पर्यटकों के लिए सिर्फ श्रीनगर, बडगाम, बारामुला और अनंतनाग ही सुरक्षित माना जाता था। जबकि वर्तमान में बंगस, बांदीपोरा का गुरेज, कुपवाड़ा का तंगधार, पुलवामा का शिकारगाह जैसे पर्यटन स्थल भी पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार हैं।


युवाओं को रोजगार

एक समय पर जम्मू-कश्मीर के जिन युवाओं के हाथों में पत्थर और बंदूख होती थीं। आज वर्तमान में उन युवाओं के हाथ में कलम और रोजगार है। सरकार ने वहीं के छात्रों के लिए स्पेशल स्कॉलरशिप प्रोग्राम भी शुरू किया है। इसके अलावा केंद्र द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ स्थानीय युवाओं व छात्रों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सरकारी विभागों को सौंपी गई है। जिससे के वहां के लोग जीवन में एक प्रगतिशील रास्ता चुन सकें। इसके साथ ही स्थानीय लोगों के लिए जम्मू-कश्मीर राज्य में हिमायत योजना (एचएस) नामक योजना शुरू की है। 


स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांति

वर्तमान समय में जम्मू-कश्मीर में स्वास्थ्य सुविधाएं भी लोगों को आसानी से उपलब्ध हो रही हैं। इसके अलावा मेडिकल कालेज और एम्स स्थापित किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार अपग्रेड किए जाने का काम किया जा रहा है। बता दें कि सोपोर में जन औषधी केंद्र का निर्माण किया गया है। साथ ही सभी निवासियों के लिए प्रशासन स्वास्थ्य बीमा के तहत प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपये का यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस दे रही है। इस योजना को पीएम जन आरोग्य योजना के साथ लागू किया गया है।