North East Delhi Lok Sabha Seat: मनोज तिवारी की जीत में रोड़ा बन सकते हैं कन्हैया कुमार, समझिए यहां का समीकरण
लोकसभा चुनाव 2024 के सत्ता संग्राम में हॉट सीट बनी उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 25 मई को मतदान होना है। इस सीट पर बीजेपी के मनोज तिवारी के सामने कांग्रेस के कन्हैया कुमार चुनौती के रूप में खड़े हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 के सत्ता संग्राम में हॉट सीट बनी उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 25 मई को मतदान होना है। ऐसे में दिल्ली में सियासी बिसात बिछने लगी है। वहीं इस सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है। इस सीट पर बीजेपी के मनोज तिवारी के सामने कांग्रेस के कन्हैया कुमार चुनौती के रूप में खड़े हैं।
जहां मनोज कुमार भारतीय सिनेमा के सुपरस्टार हैं और राजनीति में अपनी अच्छी पकड़ बना चुके हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कन्हैया कुमार ने राजनीति की शुरूआत छात्र जीवन से की। दोनों ही दलों के सेनापति अपनी-अपनी जीत को सुनिश्चित करने में जुटे हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों ने बिहार के नेताओं को चुनावी रण में उतारा है। वहीं इन दोनों की राजनीति दिल्ली से पनपी है। तो ऐसे में यह मुकाबला और भी रोचक हो गया है।
भाजपा प्रत्याशी मनोज तिवारी
मनोज तिवारी लगातार दो बार उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट पर सांसद बन चुके हैं। बता दें कि दिल्ली की जनता केजरीवाल और केंद्र में मोदी के चेहरे पर मतदान करती हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी मनोज तिवारी की सनातनी छवि का फायदा उठाने का प्रयास कर रही है और तीसरी बार भाजपा ने मनोज तिवारी पर भरोसा जताया है।
यदि मनोज तिवारी एक बार फिर इस सीट से जीत हासिल करने में सफल रहते हैं, तो कांग्रेस को दिल्ली में नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं साल 2014 और 2019 में मनोज तिवारी भाजपा के टिकट पर यहां से चुनाव जीत चुके हैं। ऐसे में एक बार फिर वह हैट्रिक लगाने के लिए चुनावी रण में उतरे हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया कुमार
कांग्रेस पार्टी ने इस सीट से कन्हैया को पढ़े लिखे और तेज तर्रार नेता के रूप में पेश किया है। इसके अलावा कन्हैया कुमार केजरीवाल को जेल होने से सहानुभूति बटोरने का भी प्रयास करेंगे। कन्हैया छात्र राजनीति के समय से ही काफी फेमस रहे हैं। वह एक अच्छे वक्ता भी हैं। ऐसे में वह दिल्ली में बदलाव का चेहरा बनने की क्षमता रखने के साथ राज्य में पार्टी को मजबूत करने की क्षमता रखते हैं। क्योंकि यहां पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी अधिक है और वहीं वोटों का ध्रुवीकरण होने पर कन्हैया को इसका फायदा मिल सकता है।
बता दें कि इससे पहले यानी की साल 2019 के चुनाव में कन्हैया कुमार ने बिहार की बेगूसराय सीट पर भाजपा के गिरिराज सिंह के सामने मैदान में उतरे थे। लेकिन उस चुनाव में कन्हैया कुमार को हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन तब से लेकर अब तक में उनकी सीट से लेकर कद तक सब बदल चुका है। अगर दिल्ली की उत्तर-पूर्वी सीट पर कन्हैया कुमार को जीत हासिल होती है, तो निश्चित ही पार्टी में उनका कद बढ़ेगा। साथ ही दिल्ली में कांग्रेस पार्टी की स्थिति में भी सुधार होगा। क्योंकि वर्तमान समय में देश की राजधानी दिल्ली में पार्टी का कोई भी विधायक नहीं है।