Karnataka News: कर्नाटक सरकार के मंत्री बी नागेंद्र पर करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप, सौंपा इस्तीफा
कर्नाटक सरकार के मंत्री बी नागेंद्र द्वारा अपने पद से इस्तीफा दे दिया गया है। दरअसल, उनके ऊपर करोड़ों के घोटाले में शामिल होने का आरोप है। हालांकि मंत्री के इस्तीफे के हले से कयास लगाए जा रहे थे।
कर्नाटक सरकार के मंत्री बी नागेंद्र द्वारा अपने पद से इस्तीफा दे दिया गया है। दरअसल, उनके ऊपर करोड़ों के घोटाले में शामिल होने का आरोप है। हालांकि मंत्री के इस्तीफे के हले से कयास लगाए जा रहे थे। वहीं गुरुवार को बी नागेंद्र ने अपने पद से इस्तीफा सौंप दिया। बता दें कि राज्य में एक सरकारी कर्मचारी ने आत्महत्या कर ली थी। इस दौरान मृतक ने सुसाइड नोट में करोड़ों के घोटाले की बात कही थी और इस नोट में बी नागेंद्र का भी जिक्र था।
जिसके कारण मंत्री को इस्तीफा सौंपना पड़ा। हालांकि राज्य के सीएम सिद्धरमैया का कहना है कि जांच के लिए एसआईसी का गठन किया गया है। विशेष जांच दल और मंत्रिमंडल में शामिल वरिष्ठ सहयोगियों से बातचीत कर मंत्री के इस्तीफे पर फैसला लिया जाएगा। मंत्री पर लगे आरोपों के मुताबिक राज्य में अवैध तरीके से करोड़ों रुपए ट्रांसफर किए गए थे। इस घोटाले में महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम शामिल था। वहीं जिस कर्मचारी ने आत्महत्या की थी, उसने पांच पन्ने का सुसाइड नोट लिखा था।
इस सुसाइड नोट में कर्मचारी ने वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्री के नाम का जिक्र किया था। मृतक ने इस नोट में लिखा था कि वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्री ने उससे अवैध तरीके से पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा था। सरकारी कर्मचारी के अनुसार, अवैध तरीके से कुल 187 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे। जिनमें से अलग-अलग खाताओं में 88.62 करोड़ रुपये भेजे गए थे। कुछ अकाउंट आईटी कंपनियों और हैदराबाद के कॉपरेटिव बैंक के भी थे।
मृतक के सुसाइड नोट के मुताबिक बी नागेंद्र के मंत्रालय के तहत आने वाले अनुसूचित जनजाति निगम के अकाउंट से 187 करोड़ रुपयों का अवैध ट्रांसफर किया गया था। वहीं यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने भी इस मामले की शिकायत की थी। जिसके बाद CBI ने मामले पर FIR दर्ज की थी। इस मामले के सामने आने के बाद सीएम सिद्धारमैया और कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख शिवकुमार के बीच मुलाकात हुई। सीएम सिद्धारमैया और राज्य कांग्रेस प्रमुख शिवकुमार ने कथित रूप से मंत्री को इस्तीफा देने के लिए कहा था। वहीं मंत्री से यह वादा भी किया गया कि यदि वह इस मामले में निर्दोष पाए जाते हैं, तो उनको दोबारा वह मंत्रालय सौंपा जाएगा।
जांच के लिए SIT गठित
कर्नाटक सरकार द्वारा इस पूरे मामले की जांच के लिए एडिशनल डायरेक्टर जनरल मनीष खरबिकर की अगुआई में विशेष जांच टीम गठित की गई है। इसके साथ ही यूनियन बैंक ने तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई के पास मामले की आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई है। वहीं CBI मामले की जांच शुरूकर चुकी है। इसके अलावा SIT भी मामले की जांच करेगी।