जानिए कौन है पश्चिम बंगाल के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष सुकांता मजूमदार

LSChunav     Sep 22, 2021
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जानिए कौन है पश्चिम बंगाल के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष सुकांता मजूमदार

मजूमदार पार्टी के सबसे कम उम्र के प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनको विधानसभा चुनाव की आपदा के बाद संगठन को मजबूत करने और पार्टी के विधायकों के टीएमसी में दलबदल को रोकने के लिए लाया गया है।

भाजपा ने बालुरघाट सीट से लोकसभा सदस्य सुकांता मजूमदार को पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई का नया अध्यक्ष बनाया है। पार्टी में अंदरुनी मतभेद और नेताओं के पाल बदलकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर जाने की पृष्ठभूमि में पार्टी ने दिलीप घोष की जगह मजूमदार को दी है। पार्टी द्वारा जारी बयान के अनुसार, घोष को भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। गौरतलब है कि प्रदेश अध्यक्ष के रूप में घोष का कार्यकाल समाप्त होने में अभी 15 महीने (सवा साल) का वक्त था। मजूमदार की नियुक्ति को विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी द्वारा राज्य में अपने संगठन को मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। मजूमदार की नियुक्ति आसनसोल से दो बार के भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के टीएमसी में आने के एक दिन बाद हुई है। 

कौन हैं सुकांत मजूमदार?

सुकांत मजूमदार मालदा जिले के मोकदुमपुर में गौर बंगा विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञान के सहायक प्रोफेसर हैं। मजूमदार ने सिलीगुड़ी में उत्तरी बंगाल विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की, जहाँ से उन्होंने पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में 15 से अधिक वैज्ञानिक पत्र प्रकाशित किए हैं। मजूमदार ने 2019 में संसद में प्रवेश किया और उन्होंने बालुरघाट सीट पर मौजूदा सांसद, टीएमसी की अर्पिता घोष को 33,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया। 

मजूमदार को क्यों चुना गया?

पार्टी सूत्रों के अनुसार, भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष के रूप में मजूमदार के नाम को लेकर पिछले कुछ महीनों से चर्चा चल रही थी, खास तौर से मार्च-अप्रैल के विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली बुरी हार के बाद चर्चा जोरों पर थी। बॉटनी से पीएचडी 41 वर्षीय मजूमदार के घोष के साथ करीबी संबंध हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं यह अवसर देने के लिए पार्टी नेतृत्व को धन्यवाद देता हूं। पार्टी पिछले कुछ साल में और मजबूत हुई है। मैं इसकी नींव और मजबूत बनाने पर काम करुंगा।’’

भाजपा के सूत्रों के मुताबिक, मजूमदार पार्टी के सबसे कम उम्र के प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनको विधानसभा चुनाव की आपदा के बाद संगठन को मजबूत करने और पार्टी के विधायकों के टीएमसी में दलबदल को रोकने के लिए लाया गया है। इस साल मार्च-अप्रैल में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में एक जोरदार अभियान के बावजूद, भाजपा कोलकाता में 292 में से केवल 77 सीटें ही जीत सकी। वहीं, टीएमसी ने 213 सीटों के साथ चुनाव में जीत हासिल की। सांसद निसिथ प्रमाणिक (कूचबिहार) और जगन्नाथ सरकार (रानाघाट) और मुकुल रॉय सहित चार अन्य विधायकों के अपनी विधानसभा सीटों को छोड़ देने के बाद सदन में भाजपा की संख्या घटकर 71 हो गई। पश्चिम बंगाल में भाजपा इन दिनों आंतरिक कलहों से जूझ रही है। ऐसे में साल 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी को अपने सभी विवादों को सुलझाना होगा, नहीं तो परिणाम पार्टी के खिलाफ भी साबित हो सकते हैं।