जानिए कौन हैं केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा जो लखीमपुर हिंसा केस के बाद से हैं सुर्खियों में

Priya Mishra     Oct 04, 2021
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जानिए कौन हैं केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा जो लखीमपुर हिंसा केस के बाद से हैं सुर्खियों में

केशव प्रसाद मौर्य के दौरे को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान रविवार को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने घटना की जांच के दौरान गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवायी है।

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान रविवार को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने घटना की जांच के दौरान गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवायी है। पुलिस को शक है कि हिंसा को भड़काने के पीछे आशीष मिश्रा का हाथ है। 

कौन हैं अजय मिश्रा?

अजय मिश्रा गृह मंत्रालय में आठ डिवीजनों के प्रमुख हैं। वह खुद लखीमपुर खीरी के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जिसका वे लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं और ग्रामीण मुद्दों से जुड़े रहे हैं। राजनीति में आने से पहले अजय मिश्रा एक व्यवसायी थे और स्थानीय लोगों को छोटे-छोटे विवादों को सुलझाने में मदद करने के लिए जाने जाते थे। उन्होंने समय-समय पर अपने क्षेत्र में कुश्ती और पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया।

अजय मिश्रा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भाजपा के जिला महासचिव के रूप में की और 2012 में निघासन से यूपी विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक लड़ा। मिश्रा ने 2014 के चुनावों में भाजपा के टिकट से 1 लाख वोटों के रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की। सितंबर 2014 में उन्हें ग्रामीण विकास पर स्थायी समिति का सदस्य और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की सलाहकार समिति का सदस्य नियुक्त किया गया था। वे 2018 तक राजभाषा पर संसद की पहली उप-समिति के सदस्य और संयोजक भी रहे।

2019 के चुनावों में अजय मिश्रा ने खीरी से फिर से 2 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की। उन्होंने कुछ महीने पहले गृह मंत्रालय के राज्य मंत्री के रूप में केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रवेश किया। सुलभ मंत्री के रूप में जाने जाने वाले मिश्रा को साइबर सुरक्षा, स्वतंत्रता सेनानी विंग, राजभाषा समेत अन्य विभागों का प्रभार दिया गया।