Maharashtra News: कोल्हापुर हिंसा मामले में संजय राउत ने महाराष्ट्र सरकार पर कसा तंज, कहा- क्या इतना कमजोर है आपका हिंदुत्व
उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में हुई हिंसा के मुद्दे पर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के लिए आज भी सत्तारुढ़ पार्टी को औरंगजेब की जरूरत पड़ती है।
महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में हुई हिंसा के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र सरकार को जमकर घेरा है। संजय राउत ने महाराष्ट्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि जिले में हुई हिंसा में स्थानीय लोगों का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार इंटेलिजेंस की कमी से जूझ रही है तो वह उनसे संपर्क कर सकती है। वह राज्य सरकार को जानकारी मुहैया करवा देंगे। संजय राउत ने सीएम शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि आपकी सरकार आने के बाद से राज्य में इस तरह की हिंसा क्यों हो रही है।
संजय राउत ने आगे कहा कि किसी व्यक्ति विशेष की फोटो लहराने भर से आपका हिंदुत्व खतरे में पड़ जाता है। महाराष्ट्र में औरंगजेब को दफनाए हुए चार सौ साल बीत गए हैं। लेकिन इसके बाद भी यहां पर चुनाव जीतने के लिए आपको औरंगजेब की जरूरत पड़ती है। कर्नाटक में जब भगवान बजरंग बली ने बीजेपी की कोई मदद नहीं की तो अब महाराष्ट्र में औरंगजेब की जरूरत पड़ने लगी। उन्होंने कहा कि इन्हें चुनाव जीतने के लिए अफजल खान, बहादुर शाह जफ़र चाहिए, टीपू सुल्तान को आगे करना पड़ता है। आप लोग महाराष्ट्र में आखिर किस तरह की राजनीति करने जा रहे हैं।
वहीं उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कुछ नेता राज्य में दंगे जैसे हालात संबंधी बयान दे रहे हैं। लेकिन किसी खास वर्ग द्वारा औरंगजेब तथा टीपू सुल्तान को महिमामंडित किए जाने का मामला सिर्फ एक इत्तेफाक नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य में मुगल शासक औरंगजेब को महिमामंडित करने के कृत्य को बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। फडणवीस ने कहा कि मामले की जांच कर पता लगाया जाएगा कि युवाओं के एक वर्ग को कौन उकसाने का काम कर रहा है।
बता दें कि इससे पहले जब एकनाथ शिंदे व अन्य विधायकों ने उद्धव सरकार से बगावत कर महाराष्ट्र में तख्तापलट किया था। तो उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे गुट पर तत्कालीन सरकार से बगावत किए जाने का आरोप लगाया था। जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे और 15 विधायकों को अयोग्य ठहराने के फैसले को निरस्त कर दिया। एकनाथ शिंदे और 15 विधायकों द्वारा बगावत करने पर उद्धव ठाकरे को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। वहीं बीजेपी समर्थन से एकनाथ शिंदे राज्य के नए सीएम बने थे। जिसके बाद उद्धव गुट ने विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल के बाद सभी बागी 16 विधायकों को अयोग्य करार देने की याचिका दी थी।