एलजी सक्सेना ने कहा- 'दिल्लीवासी सीवेज में जी रहे हैं'
आम आदमी पार्टी ने एलजी सक्सेना से "क्षुद्र राजनीति" में लिप्त होना बंद करने को कहा, क्योंकि उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार पर निवासियों को स्वच्छ जल और यमुना नदी उपलब्ध कराने में विफल रहने का आरोप लगाया था।
दिल्ली में इस 5 फरवरी को मतदान होने वाले है। इसको लेकर दिल्ली में सियासी घमासन मचा हुआ है। सभी राजनैतिक पार्टियां सत्ता को जीतने के लिए एड़ी-चोटी का दम लगा रही है। इस बीच दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा है कि दिल्ली के निवासी आप सरकार के शासन में सीवेज से घिरे हुए हैं, जो उन्हें स्वच्छ पानी और स्वच्छ नदी देने में विफल रही है। उपराज्यपाल ने यह टिप्पणी पूर्व राज्यसभा सदस्य विनय सहस्रबुद्धे, जो भाजपा के सदस्य भी हैं, उनके साथ पॉडकास्ट में बात कही।
आम आदमी पार्टी ने दिया जवाब
अपने जवाब में, आम आदमी पार्टी ने कहा कि एलजी को अपने काम-काज पर ध्यान देना चाहिए- कानून और व्यवस्था, जिसके बारे में उसने आरोप लगाया कि- "उनके शासन में यह पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है।" पॉडकास्ट के दौरान सक्सेना ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड ने सात वर्षों में पूंजीगत व्यय में 28,000 करोड़ रुपये खर्च किए, जो शहर में हर पाइपलाइन को बदलने के लिए पर्याप्त राशि है। सक्सेना ने कहा, "आप सरकार के शासन में दिल्ली के लोगों को सीवेज के पानी के बीच रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है।" उन्होंने कहा कि हर राज्य की जिम्मेदारी है कि वह अपने लोगों को स्वच्छ पानी, स्वस्थ वातावरण, अच्छी सड़कें और बेहतर रहने की स्थिति प्रदान करे। उन्होंने कहा, "फिर भी, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली अब दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है, जहां कचरे के पहाड़, प्रदूषित पानी और बहुत कुछ है।"
दिल्ली केंद्र के प्रतिनिधि ने कहा कि यमुना, जो लोगों के लिए जीवन रेखा होनी चाहिए, “इतनी प्रदूषित है कि कोई इसके पास खड़ा भी नहीं हो सकता, पानी को छूना तो दूर की बात है।” एलजी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी होने के बावजूद, दिल्ली में ऐसे इलाके हैं जहां लोग 7-8 दिनों तक पानी के बिना रहते हैं, इस अवधि के दौरान पूरी तरह से पानी के टैंकरों पर निर्भर रहते हैं।