9 Years Of Modi Government: उत्तरी पूर्व भारत में मोदी सरकार ने रेलवे कनेक्टिविटी में किया विस्तार, बेहतर यात्रा में मिलेगी मदद
पीएम मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार नौ साल पूरे होने की खुशी मना रही है। वहीं रेल मंत्रालय ने पूर्वी उत्तर को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने पर भी अपना ध्यान केंद्रित किया है। पिछले 9 सालों में सिक्किम और शेष सात उत्तर पूर्वी राज्यों को रेल नेटवर्क से जोड़ दिया है।
पीएम मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार नौ साल पूरे होने की खुशी मना रही है। वहीं सरकार के 9 साल पूरे होने पर भारतीय रेलवे ने सुरक्षा के मामले में बड़ी प्रगति की है। साल 2006-07 और 2013-14 के बीच रेल दुर्घटनाओं की संख्या 1,243 थी। वहीं साल 2014-15 से 2022-23 के बीच रेल दुर्घटनाओं की संख्या घटकर 638 हो गई है। पीएम मोदी ने साल 2014 में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने 282 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल की थी। वहीं साल 2019 के लोकसभा चुनाव में 303 सीटें जीतकर एक बार फिर बीजेपी ने भारी जनादेश के साथ सत्ता में वापसी की थी।
उत्तर पूर्व भारत में रेलवे कनेक्टिविटी
इसके साथ ही रेल मंत्रालय ने पूर्वोत्तर को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने पर भी अपना ध्यान केंद्रित किया है। पिछले 9 सालों में सिक्किम और शेष सात उत्तर पूर्वी राज्यों को रेल नेटवर्क से जोड़ दिया है। साल 2014 के बाद यानी की केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद उत्तर पूर्वी के 4 राज्यों मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मिजोरम को रेलवे कनेक्टिविटी प्रदान की गई। फिर साल 2014 में मेघालय, साल 2015 में अरूणाचल प्रदेश से ईटानगर, साल 2016 में मणिपुर से जिरिबाम और साल 2016 में मिजोरम के भैरबी तक कनेक्टिविटी प्रदान की गई।
प्रगति के पथ पर रेलवे
साल 2030 तक भारतीय रेलवे पूरी शक्ति के साथ जीरो कार्बन उत्सर्जक बनने के लिए प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रही है। रेलवे ने पूर्ण विद्युतीकरण का लक्ष्य हासिल करने के प्रयास में उत्तरी पूर्वी सीमांत को दुधनोई-मेंदीपाथर सिंगल लाइन सेक्शन, अभयपुरी-पंचरत्न को डबल लाइन खंड कर महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। रेलवे विद्युतीकरण के लिए केंद्रीय संगठन (कोर) ने इन खंडों में विद्युतीकरण पूरा करने का कार्य किया है।
रेलवे की इस अहम सफलता के बाद रेलगाड़ियों की औसत गति में भी वृद्धि होगी। माल ढुलाई और ज्यादा यात्रियों वाली ट्रेनें इन खंडो के विद्युतीकरण होने के साथ ही अपनी पूर्ण निर्धारित गति से चल सकेंगी। इससे रेल संचालन में समय की पाबंदी भी बढ़ेगी। विद्युतीकरण होने के उत्तर पूर्वी भारत में रेलगाड़ियों के संचालन में काफी सुधार होगा। जीवाश्म ईंधन से चलने वाले इंजनों से प्रदूषण में कमी होने के साथ रेलवे प्रणाली की दक्षता में भी सुधार हुआ।
उत्तर पूर्व राज्यों में परिचालन नेटवर्क
उत्तर पूर्व राज्यों की राजधानी को गुवाहाटी में ये लाइनें सभी वर्तमान परिचालन नेटवर्क से जोड़ देंगी। इससे उत्तर पूर्वी और देश के अन्य राज्यों के बीच यात्रा के दौरान समय की बचत होगी। इससे लोगों को सस्ता संसाधन मिलने के साथ माल ढुलाई को भी बढ़ावा मिला है। ऐसी अन्य रणनीतिक रेलवे लाइनें हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य रक्षा बलों की आवाजाही में सहायता करना है। उत्तर पूर्वी क्षेत्र तक ही भारतीय रेलवे की सफलता सीमित नहीं है। यह सुरक्षा कारणों से अभी तक अछूते रहे क्षेत्रों को भी जोड़ने में सफल रही है। यह केंद्र सरकार के रुपये के परिव्यय द्वारा संवर्धित है।