9 Years Of Modi Government: मोदी सरकार ने रेलवे में किए क्रांतिकारी बदलाव, आंकड़े बयां करते हैं सफलता की कहानी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार को सत्ता में आए हुए नौ साल पूरे हो गए हैं। साल 2024 में एक बार फिर लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार ने अभी से अपनी उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है। मोदी सरकार ने बताया कि किस तरह से 9 साल में रेलवे का कायाकल्प हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार को सत्ता में आए हुए नौ साल पूरे हो गए हैं। साल 2024 में एक बार फिर लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार ने अभी से अपनी उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है। अलग-अलग मंत्रालय अलग-अलग माध्यम से अपने द्वारा किए गए कामों का विविरण लोगों को बीच पहुंचा रहा है। वहीं हमारे देश में तरक्की का सबसे बड़ा रोल रेलवे का है। वर्तमान समय में भी रेलवे काफी अहम है। हालांकि वर्तमान समय में सड़क परिवहन भी काफी तेजी से बढ़ रहा है।
विद्युतिकरण का काम
रेल मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों में बताया गया कि किस तरह से 9 साल के अंदर नरेंद्र मोदी की सरकार में रेलवे का कितना कायाकल्प हुआ है। मोदी सरकार की तरफ से कई रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प और सौंदर्यीकरण हुआ है। वहीं कई रेलवे स्टेशनों के लुक को बेहद शानदार बना दिया गया है। वहीं इन रेलवे स्टेशनों पर व्यवस्था में भी सुधार के साथ बदलाव किए गए हैं। रेलवे की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2014 में भारतीय रेलवे में 1350 रूट किलोमीटर का विद्युतिकरण था। लेकिन साल 2023 में यह आंकड़ा 6,565 रूट किलोमीटर पर पहुंच गया है। यानी की मोदी सरकार के इन नौ सालों में इस काम को करीब 5 गुना बढ़ाया गया।
माल ढुलाई में वृद्धि
बता दें कि माल ढुलाई से सबसे ज्यादा रेलवे की ज्यादा आय का साधन आता रहा है। रेलवे की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों पर ध्यान दें तो साल 2014 में रेलवे 1058 मीट्रिक टन की माल ढुलाई किया करती थी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन 9 साल में रेलवे ने इसमें भी कीर्तिमान स्थापित किया है। साल 2023 में रेलवे 1512 मीट्रिक टन माल की ढुलाई कर रही है।
रेलवे लाइन
मोदी सरकार में जो सबसे बड़ा काम हुआ है, वह रेलवे की नई लाइन बिछाने का काम किया गया है। जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक साल 2014 में हमारे देश में 1561 किमी के रेलवे ट्रैक बिछाए गए थे। साल 2023 में यह 5243 किलोमीटर हो चुका है
बढ़ी क्षमता
साल 2014 में हल्के यात्री कोच की उत्पादन क्षमता 534 थी। जो साल 2023 में बढ़कर 5869 हो गई है। वहीं इलेक्ट्रिक लोको की क्षमता साल 2014 में 264 थी। यह अब बढ़कर 1185 हो गई है। इंडियन रेलवे में पहली बार साल 1999 में LHB कोच शामिल किए गए थे। जिसके निर्माण का कार्य कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री में किया जाता है। पैसेंजर के लिए यह कोच काफी ज्यादा आरामदायक होते हैं। वहीं दुर्घटना होने पर यह कोच सबसे कम क्षतिग्रस्त होते हैं। इस कोच में पैसेंजर के सुरक्षित रहने की संभावना ज्यादा रहती है। इसके अलावा स्लीपर और एसी व सभी कैटेगरी के कोच बर्थ की कैपिसिटी काफी ज्यादा होती है।
आधुनिक रेलवे स्टेशन
बता दें कि भारतीय रेलवे देशभर में रेलवे नेटवर्क के विकास पर लगातार काम कर रही है। इस योजना के तहत 1,275 स्टेशनों के पुनर्विकास का काम किया गया है। इसके तहत भविष्य में लचीले डिजाइन वाली प्रतिष्ठित इमारतों का निर्माण होगा। इस विकास के कार्य में भारत के कई रेलवे स्टेशनों को अमृत भारत योजना के तहत आधुनिकीकरण से जोड़ने के लिए चुना गया है। नई दिल्ली जैसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों का 4,700 करोड़ रुपये की लागत से नवीनीकरण का काम किया जाएगा। इस तरह से मुंबई में छत्रपति शिवाजी टर्मिनस का भी रेलवे स्टेशन का भी पुनरुद्धार किया जाएगा।