Education Policy: मोदी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव कर युवाओं को दिखाई भविष्य की राह

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कर मोदी सरकार ने स्किल इंडिया मिशन, रिसर्च फाउंडेशन और शिक्षा को रोजगारपरक बनाने जैसी पहल ने युवाओं के हाथों में कुशलता की नई लकीरें उभारने का काम किया है।
भारत की आबादी की 40 प्रतिशत बच्चे औऱ युवा हैं। यह देश की शक्ति हैं और इनका नियोजन एक चुनौती भी है। राजानीति के प्रासंगिक मुद्दे की बात करें तो 'रोजगार' एक अहम मुद्दा है। वहीं शिक्षा व्यवस्था सुशासन की परख के पैमाने के रूप में सामने होती है। ऐसे में अगर केंद्र की मोदी सरकार को इस कसौटी पर रखकर परखा जाए, तो कई पहलू उभरकर सामने आते हैं। जानकारों की मानें तो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कर मोदी सरकार ने स्किल इंडिया मिशन, रिसर्च फाउंडेशन और शिक्षा को रोजगारपरक बनाने जैसी पहल ने युवाओं के हाथों में कुशलता की नई लकीरें उभारने का काम किया है।
शिक्षा का स्वर्णिम काल
इसके जरिए ही पीएम मोदी समेत बीजेपी का यह भरोसा मजबूत हुआ है कि आत्मनिर्भर भारत की ओर उनके द्वारा किए जा रहे प्रयास सफलता की राह पर हैं। ऐसे में चुनाव में भी मोदी सरकार के लिए युवाओं का वोट उनकी ताकत बनेगा। कौशल विकास, शिक्षा और रोजगार से जुड़े पहलुओं पर गौर करें, तो मोदी सरकार को इसका स्वर्णिम काल माना जा सकता है। इस स्वर्णिम काल में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजूबती देने वाले सभी काम किए गए हैं। जो युवाओं के सोच और जरूरत के अनुरूप थे।
डिजिटल शिक्षा
ऑनलाइन व डिजिटल शिक्षा भी मोदी सरकार का एक अहम कदम है। सिर्फ इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से वर्तमान समय में देश के करीब 4 करोड़ से अधिक छात्र इससे जुड़े हैं। हांलाकि डिजिटल शिक्षा को आगे बढ़ाने का प्रयास काफी पहले से की जा रही थी। लेकिन इसको असली रफ्तार कोविड काल में मिली। जब स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय सब बंद हो गए थे। ऐसे में छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई से जोड़ने का काम हुआ। तो वहीं अब यह लोगों की जरूरत बन गई है। खासकर उन छात्रों को इसमें काफी ज्यादा आसानी मिली जो दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने के साथ ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से दूर हैं।
पीएम मोदी का देश की नई और युवा पीढ़ी के साथ दोस्त बनकर परीक्षा पर चर्चा करना एक मिसाल के तौर पर देखा जाता है। जिसके परिणामस्वरूप मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स और एआई जैसे क्षेत्रों में तेजी से सकारात्मक परिणाम भी दिखाई दे रहे हैं। आदित्य मिशन और चंद्रयान के बाद अब अंतरिक्ष में छलांग लगाने की सोच है।
पीएम- श्री स्कूल
स्कूल किस तरह के होने चाहिए, अब तक देश में इसकी कोई आदर्श स्थिति या तस्वीर नहीं थी। लेकिन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आने के बाद मोदी सरकार ने हर ब्लॉक के दो सरकारी स्कूलों को आदर्श स्कूलों में बदलने का फैसला किया। जिसेस पीएम-श्री यानी की प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया का नाम दिया गया। पीएम-श्री के तहत देश के 515 जिलों में पहली खेप में 6207 सरकारी स्कूलों को आदर्श स्कूलों के तहत निखारने का काम शुरू हुआ। साथ ही इन स्कूलों को 630 करोड़ रुपए भी जारी किए गए हैं।
स्किल की शिक्षा
बेरोजगारी के दंश से बचाने के लिए मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद नई पीढ़ी को इन्हें कौशल से जोड़ने की मुहिम शुरू की। ऐसे में उद्यमिता और कौशल विकास के लिए एक अलग से मंत्रालय बनाया गया। वहीं साल 2030 तक देश के 50 फीसदी युवाओं को किसी न किसी कौशल से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। 10 वर्ष में 5000 नए आईटीआई खोले गए हैं, जिनमें 6 लाख से ज्यादा नई सीटों को जोड़ा गया है।