Stand Up India Scheme: बेमिसाल रही मोदी सरकार की 'स्टैंड अप इंडिया' योजना, लाखों उद्यमियों को मिला लाभ

अनन्या मिश्रा     Sep 20, 2023
शेयर करें:   
Stand Up India Scheme: बेमिसाल रही मोदी सरकार की स्टैंड अप इंडिया योजना, लाखों उद्यमियों को मिला लाभ

केंद्र की मोदी सरकार ने कई ऐसी कल्याणकारी योजानाओं की शुरूआत की है, जिनका सभी वर्गों को लाभ हो रहा है। इन 9 सालों में भारत का सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य पूरी तरह से बदल गया है। 'स्टैंड-अप इंडिया' योजना ने कई अहम मुकाम हासिल किए हैं और नए आयाम भी स्थापित किए हैं।

केंद्र की मोदी सरकार ने 9 साल पूरे हो गए हैं। इन 9 सालों में भारत का सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य पूरी तरह से बदल गया है। केंद्र की मोदी सरकार ने कई ऐसी कल्याणकारी योजानाओं की शुरूआत की है, जिनका सभी वर्गों को लाभ हो रहा है। बता दें कि ऐसी ही एक योजना स्टैंड-अप इंडिया की पहल है। बता दें कि 'स्टैंड-अप इंडिया' योजना बेमिसाल रही है। इस योजना ने कई अहम मुकाम हासिल किए हैं और नए आयाम भी स्थापित किए हैं।


तरक्की के खोले रास्ते

इस योजना ने कोविड-19 के कठिन दौर में भी देशभर में अपने कार्यों को निर्बाध रूप से जारी रखा। इस दौरान जहां एक ओर भारत के साथ विश्व के अग्रणी विकसित और विकासशील देश कई प्रकार की आर्थिक चुनौतियों से रूबरू रहे। वहीं भारत के युवा वर्ग के लिए स्टैंड अप इंडिया जैसी योजना ने तरक्की के नए मार्ग खोल दिए। 


योजना को मिला विस्तार

स्टैंड अप इंडिया जैसी योजना देश में उभरते उद्यमियों को नई उड़ान देने में काफी मददगार साबित हुई है। आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए जमीनी स्तर पर उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए साल 2016 में इस योजना की शुरूआत की गई थी। इस योजना को साल 2025 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।


महिलाओं के सपने हो रहे पूरे

बता दें कि 18 वर्ष से अधिक महिलाओं, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के बीच 'स्टैंड-अप इंडिया' के जरिए उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए लॉन्च किया गया था। महिलाओं को इस योजना के तहत 10 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक का बैंक ऋण दिया जाता है। इस योजना के जरिए उद्यमियों को अपने सपनों को हकीकत में बदलने की शक्ति मिल रही है।


1.8 लाख से अधिक ऋण हुए स्वीकृत

इस योजना के तहत 1.8 लाख से अधिक महिलाओं और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के लिए 1.8 लाख से ज्यादा ऋण स्वीकृत किए गए। वहीं 40,710 करोड़ रुपए की ऋण राशि स्वीकृत की जा चुकी है। स्टैंड-अप इंडिया के जरिए 1.44 लाख से ज्यादा महिलाएं लाभान्वित हुई हैं।


एक इकोसिस्टम

देश में इस योजना ने एक इको-सिस्टम बनाया है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने में स्टैंड-अप इंडिया योजना महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है।


इच्छुक उद्यमियों को मिले पंख

स्टैंड-अप इंडिया योजना ने उद्यमियों के लिए किफायती ऋण की पहुंच आसान बनी है। इस योजना से उद्यमियों को पंख मिले हैं। वहीं आर्थिक विकास को गति देने और नौकरी सृजक बनकर संभावित उद्यमी एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।


स्टैंड-अप इंडिया का उद्देश्य

महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देना।

विनिर्माण, सेवाओं या व्यापार क्षेत्र और कृषि से संबद्ध गतिविधियों में ग्रीनफील्ड उद्यमों के लिए ऋण प्रदान करना।

अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की प्रति बैंक शाखा में कम से कम एक एससी/एसटी उधारकर्ता और कम से कम एक महिला उधारकर्ता को 10 लाख से 1 करोड़ रुपये के बीच बैंक ऋण की सुविधा उपलब्ध करवाना।