Bihar Farmers: बिहार के किसानों के लिए नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, दूध उत्पादन पर पशुपालकों को दी जाएगी सब्सिडी

LSChunav     Nov 28, 2023
शेयर करें:   
Bihar Farmers: बिहार के किसानों के लिए नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, दूध उत्पादन पर पशुपालकों को दी जाएगी सब्सिडी

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने राज्य के किसानों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। बता दें कि पशुपालन करने वाले किसानों का गर्मियों में दूध का उत्पादन घटने से घाटा होता था। लेकिन नीतीश सरकार के इस फैसले के बाद से पशुपालकों का नुकसान नहीं होगा।

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने राज्य के किसानों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। बता दें कि पशुपालन करने वाले किसानों का गर्मियों में दूध का उत्पादन घटने से घाटा होता था। लेकिन नीतीश सरकार के इस फैसले के बाद से पशुपालकों का नुकसान नहीं होगा। बल्कि दूध उत्पादन घटने पर राज्य सरकार इस घाटे की भरपाई करेगी। नीतीश सरकार ने दूध उत्पादन घटने पर होने वाले घाटे की भरपाई के लिए पशुपालकों को सब्सिडी दिए जाने की योजना बनाई है। वहीं हर किसान को इस योजना का लाभ मिल सके, इसके लिए प्रति लीटर रेट भी तय कर लिए गए हैं। 


प्राप्त जानकारी के अनुसार, पशुपालकों को पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने प्रति लीटर तीन रुपए का अनुदान देने का फैसला किया है। यह लाभ उन पशुपालकों को मिलेगा। जिन्होंने दूध दुग्ध सहकारी समिति के जरिए बेचा है। विभाग द्वारा साल 2023 में अप्रैल से जून के बीच दूध बेचने वाले पशुपालकों के लिए 10 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। वहीं गर्मी के महीने में जिन किसानों ने सहकारी दुग्ध समितियों में दूध बेचा है, उनको यह अनुदान दिया जाएगा।


ऐसे किया जाएगा भुगतान

आपको बता दें कि काम्फेड के अधीन डेयरी इकाइयों और विभिन्न दुग्ध संघो द्वारा सहकारी दुग्ध समितियों के माध्यम से दूध संग्रह किया जाता है। वहीं पशुपालकों को समितियों के द्वारा ही अनुदान राशि मिलेगी। अप्रैल से जून के बीच 91 दिन का भुगतान पशुपालकों को किया जाएगा। अप्रैल से जून के बीच समितियों के माध्यम से रोजाना 3.66 लाख रुपए दूध की आपूर्ति हुई है। इस तरह से 3 रुपए प्रति लीटर की दर से पशुपालकों को भुगतान करने पर 9 करोड़, 99 लाख, 99 हजार रुपए खर्च होंगे। डीबीटी के तहत पशुपालकों को अनुदान का भुगतान उनके खाते में दिया जाएगा। 


शादी-विवाह में स्थानीय खपत बढ़ जाती है। इस वजह से समितियों का दूध संग्रह गिरने की संभावना होती है। कॉम्फेड को दूध संग्रह लगातार बना रहे, इस कारण पशुपालन विभाग ने किसानों को अनुदान देने का फैसला किया है। पशुपालन विभाग के मुताबिक अनुदान मिलने पर दूध उत्पादन में वृद्धि होगी। क्योंकि गर्मियों में घाटा होने की वजह के कई पशुपालक यह व्यवसाय छोड़ देते हैं। ऐसे में अनुदान दिए जाने से नए युवा भी डेयरी व्यवसाय में आने के लिए प्रोत्साहित होंगे।