Bihar Politics: बिहार की राजनीति में भारी है नीतीश कुमार का पलड़ा, आहिस्ता-आहिस्ता निकाल रहे सियासी पत्ते

LSChunav     Dec 02, 2023
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Bihar Politics: बिहार की राजनीति में भारी है नीतीश कुमार का पलड़ा, आहिस्ता-आहिस्ता निकाल रहे सियासी पत्ते

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' अपनी ताकत बढ़ाने की रणनीति में जुट गया है। नीतीश कुमार जिस तरह के पत्ते निकाल रहे हैं। उससे साफ पता लगता है कि बिहार की सियासत में सीएम नीतीश का अहम स्थान है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' अपनी ताकत बढ़ाने की रणनीति में जुट गया है। वहीं बिहार के सीएम अपनी रणनीति को अंजाम देने में जुट गए हैं। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का रिजल्ट 3 दिसंबर को आना है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि चुनावी परिणाम देखने के बाद विपक्षी एकता की दिशा में वह आगे बढ़ेंगे। शायद इसी कारण सीएम नीतीश अपनी तरकश के तीर एक के बाद एक कर कमान से बाहर निकालने लगे हैं।


सियासी रणनीतिकार हैं सीएम नीतीश

महिलाओं और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी पर नीतीश कुमार द्वारा सदन में दिए बयानों से उनकी काफी किरकिरी हुई। जिसके बाद कई लोगों को यह भी अंदेशा होने लगा कि नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। लेकिन शायद वह भूल रहे हैं कि नीतीश का दशको पुराना सफल राजनीतिक करियर रहा है। उनको हर स्थिति को अपने अनुकूल बनाना आता है। यदि ऐसा नहीं होता, तो वह साल 2005 से लेकर अब तक बिना पूर्ण बहुमत के लगातार 18 साल तक बिहार के सीएम पद पर नहीं बने रहते। 


हांलाकि कई बार भाजपा और आरजेडी नीतीश कुमार को अवसरवादी बोल चुकी है। क्योंकि रामविलास पासवान की तरह ही नीतीश कुमार भी राजनीति के मौसम की पूरी खबर रखते हैं। जिसको वह वक्त आने पर सत्ता में आने के लिए इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में बिहार की सियासत में कहीं न कहीं नीतीश कुमार बीजेपी पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं। चुनावी चहलकदमी के दौर में तमाम प्रतिकूलताओं के बावजूद नीतीश कुमार ने बिहार में जाति सर्वेक्षण का काम पूरा करा लिया। इसके साथ ही उन्होंने जाति सर्वेक्षण में पाए गए आंकड़ों के आधार पर आरक्षण की सीमा भी बढ़ा दी है।


इस तरह से नीतीश कुमार के कामों की चर्चा पूरे देश में हो रही है। वहीं किसी जमाने में नीतीश कुमार के धुर-विरोधी रहे लालू यादव भी नीतीश का किसी से मुकाबला नहीं मानते हैं। सीएम नीतीश की छवि को राष्ट्रीय स्तर का नेता बनाए जाने की कवायद शुरू हो गई है। वहीं लालू यादव और राहुल गांधी में भी अच्छी बनती दिख रही है। वहीं सीएम नीतीश की उपलब्धियों को अब अन्य राज्यों के लोग भी स्वीकारने लगे हैं। ऐसे में नीतीश जिस तरह से पत्ते निकाल रहे हैं। उससे एक बात साफ होती है कि सीएम नीतीश के राष्ट्रीय स्तर पर उभरने के संकेत दिखने लगे हैं।