9 Years Of Modi Government: भारत-अमेरिका के रिश्तों पर PM मोदी ने लिखा नया अध्याय, मधुर हुए दोनों देशों के संबंध

अनन्या मिश्रा     Sep 27, 2023
शेयर करें:   
9 Years Of Modi Government: भारत-अमेरिका के रिश्तों पर PM मोदी ने लिखा नया अध्याय, मधुर हुए दोनों देशों के संबंध

भारत और अमेरिका के बीच पहले से रिश्ते काफी ज्यादा बेहतर हो चुके हैं। दोनों देशों के रिश्ते पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और गहरे हुए हैं। साल 2016 में मोदी के कार्यकाल में भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में काफी सुधार हुआ है।

भारत और अमेरिका के बीच पहले से रिश्ते काफी ज्यादा बेहतर हो चुके हैं। दोनों देशों के रिश्ते पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और गहरे हुए हैं। वैश्विक मंच पर भारत भू-राजनीतिक उथल-पुथल के दौर में अपनी सही जगह सुरक्षित करने के लिए आगे बढ़ रहा है। भारत और अमेरिका के बीच बेहतर होते संबंधों के लिए पीएम मोदी के दौरों को काफी अहम माना जाता है। हालांकि यूक्रेन और रूस युद्ध पर भारत की तटस्थता को लेकर अमेरिका से खटपट होती रही है। लेकिन ऐसा पहली बार नहीं था, जब अमेरिका और भारत के रिश्तों में खटास आई है। 


फिर चाहे साल 1971 में भारत-पाकिस्तान का युद्ध हो, या परमाणु परीक्षण का मुद्दा हो। इस दौर में अमेरिका और भारत के रिश्ते अपने सबसे बुरे दौर से गुजरा था। हांलाकि भारत और अमेरिका के रिश्ते कब कैसे रहे हैं और अमेरिका के साथ भारत के रिश्तों में कब यू टर्न आया। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि इन 9 सालों में अमेरिका और भारत के रिश्ते कैसे हुए। 


आजादी के बाद अच्छे थे संबंध

भारत की आजादी के बाद से साल 1965 तक भारत और अमेरिका के रिश्ते काफी ज्यादा घनिष्ठ थे। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू साल 1949 में संयुक्त राज्य अमेरिका के दौरे पर पहुंचे थे। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ड्वाइट आइजनहावर साल 1959 में भारत दौरे पर आए थे। उस दौरान राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से मुलाकात की थी। उन्होंने भारतीय संसद को संबोधित किया था।


मोदी के कार्यकाल में प्रगाढ़ हुए संबंध

साल 2014 में भारत और अमेरिका के संबंधों को नई गति मिलेगी। यूपीए सरकार आम चुनाव के बाद सत्‍ता से बाहर हुई। उस दौरान केंद्र में मोदी सरकार बनी। उस दौरान भारत के प्रधानमंत्री पीएम मोदी और अमेरिका रक्षा मंत्री एश्‍टन कार्टर थे। साल 2016 में मोदी के कार्यकाल में भारत और अमेरिका के बीच संसाधनों के आदान-प्रदान का समझौता हुआ। दोनों देशों के बीच भारत और अमेरिका की लंबी वार्ता के बाद सामरिक साझीदारी कायम हुई। 


इस दौरान दोनों देश एक दूसरे के सैन्‍य संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं। साल 2016 में दोनों देशों ने अपने संबंधों पर ऊंचाई पर ले जाने की बात की थी। दोनों देश एक-दूसरे के जहाजों और विमानों को ईंधन की आपूर्ति व अन्‍य जरूरी सामान मुहैया कराना था।


संचार सुरक्षा समझौता

इसके बाद यह सिलसिला यहीं पर नहीं रुका। साल 2018 में अमेरिका और भारत के बीच संचार सुरक्षा समझौता हुआ। इसके बाद अमेरिका के अन्‍य रक्षा सहयोगी देशों की श्रेणी में भारत भी शामिल हो गया। इस करार के बाद अमेरिका भारत को गोपनीय संदेश वाले उपकरण मुहैया करा सकता है। असल में यह समझौता अमेरिका और भारत के बीच विश्वास और भरोसे को मजबूत करने की एक कड़ी थी। इसके आधार पर दोनों देश अपने रिश्‍तों के भविष्‍य की इमारत खड़ी कर सके। 


राष्ट्रपति ट्रंप की ऐतिहासिक यात्रा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की दो दिवसीय भारत यात्रा के बाद साल 2020 में भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊर्जा मिली थी। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा, ऊर्जा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण समझौतों पर साइन किए गए। इस दौरान दोनों देश आतंकवाद, हिंद-प्रशांत क्षेत्र जैसे महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर एक-दूसरे का सहयोग बढ़ाने पर बल दिया। दोनों देशों के संबंधों को लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ने 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण साझेदारी बताया था।


भारतीय-अमेरिकी लोगों की भूमिका

दोनों देशों के बीच मधुर संबंधों में भारतीय अमेरिकी लोगों भूमिका अग्रणी मानी गई है। अमेरिका की राजनीति में भारतीय अमेरिकी लोगों की भूमिका प्रभावशाली रही है। वह एक महत्वपूर्ण वोटबैंक के रूप में उभर कर आए हैं। अमेरिका में भारतीय लोगों की बड़ी आबादी है। यह काफी शिक्षित और बेहद अमीर हैं। इस दौरान 50 लाख से ऊपर भारतीय, अमेरिकी अर्थव्‍यवस्‍था की रीढ़ हैं। ऐसे में अमेरिकी पैरवी का ध्‍यान भारत की समस्याओं की ओर झुका है। इसके बाद अमेरिकी राजनीति में भारतीय अमे‍रिकी का प्रभाव बढ़ रहा है।