उम्रकैद के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे प्रज्वल रेवन्ना, बोले- पीड़िता के बयान मेल नहीं खाते

दिव्यांशी भदौरिया     Sep 30, 2025
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उम्रकैद के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे प्रज्वल रेवन्ना, बोले- पीड़िता के बयान मेल नहीं खाते

प्रज्वल रेवन्ना ने दुष्कर्म मामले में निचली अदालत द्वारा दी गई उम्रकैद की सजा के खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने अपनी याचिका में पीड़िता के बयानों में विरोधाभास और अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए साक्ष्यों में विसंगतियों को मुख्य आधार बनाया है, जो इस न्यायिक चुनौती में महत्वपूर्ण मुद्दा है।

पिछले महीने जेडी(एस) के पूर्व सांसद प्रज्वल को विशेष अदालत ने दुष्कर्म मामले में दोषी पाए जान के बाद उम्र कैद की सजा सुनाई थी। जिसके बाद प्रज्वल ने  उम्रकैद की सजा के खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है। बता दें कि, यह सजा चार अलग यौन शोषण और दुष्कर्म के मामलों से एक में दी गई थी। इसके साथ ही कोर्ट ने प्रज्वल पर कुल 11.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था, जिसमें से 11.25 लाख रुपये पीड़िता को देने के आदेश दिए गए थे। 

पीड़िता के बयान में विरोधाभास है

संसादों व विधायकों की सुनवाई के लिए बनीं विशेष अदालत के जज गजानन भट ने 2 अगस्त को फैसला सुनाया था। सजा के बाद से प्रज्वल जेल में ही मैजूद है। आपको बता दें कि, प्रज्वल को मई 2024 में जर्मनी से लौटने के बाद गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, रेवना ने कोर्ट के फैसले को लेकर कई आधारों पर चुनौती दी है। प्रज्वल ने बताया है कि पीड़िता के बयानों में विरोधाभास है और अभियोजन पक्ष ने जो सबूत पेश किए हैं, उन में कई सारी विसंगतियां है। वही, जिस मामले में उसे सजा हुई है, वह 48 साल की एक महिला से जुड़ा हुआ है। महिला प्रज्वल के परिवार के होलेनरसीपुरा स्थित 'गणिकाडा' फार्महाउस में काम करती थी। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि 2021 में उसे दो बार दो बार दुष्कर्म का शिकार बनाया है, एक बार फार्महाउस में औरर दूसरी बार बंगलूरू के घर में। आरोपी ने अपने फोन से इन घटनाओं का वीडियो भी बनाया था। निचली कोर्ट ने अपने फैसले में वीडियो फुटेज, डीएनए जांच, पीड़िता के कपड़ों पर मिले दाग जैसे कई जैविक साक्ष्य जैसे कई अहम सबूतों को आधार बनाया। हाईकोर्ट की याचिका में प्रज्वल ने कहा कि पीड़िता की पुलिस में दी गई शिकायत और कोर्ट में दिए गए बयान बिल्कुल भी मेल नहीं खा रहे हैं। रेवना ने यहां तक कहा कि जिस गद्दे पर दाग मिले, वह मई 2024 तक बिना साफ किए रखे गए थे। हालांकि, घटना जनवरी 2021 से 2022 के बीच की है। प्रज्वल ने कहा कि यह सचमुच में घटना होती, तो पीड़िता 2023 में उसी फार्महाउस में गृहप्रवेश के कार्यक्रम में शमिल क्यों हुईं।