अयोध्या में धर्मध्वज फहराकर पीएम मोदी ने भरी हुंकार, बोले - 'राम भाव से जुड़ते हैं, भेद से नहीं', 2047 तक विकसित भारत का संकल्प

दिव्यांशी भदौरिया     Nov 25, 2025
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अयोध्या में धर्मध्वज फहराकर पीएम मोदी ने भरी हुंकार, बोले - राम भाव से जुड़ते हैं, भेद से नहीं, 2047 तक विकसित भारत का संकल्प

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर धर्मध्वज फहराकर पीएम मोदी ने 'राम भाव से जुड़ते हैं, भेद से नहीं' का संदेश दिया, जो 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के संकल्प को दर्शाता है। यह ध्वजारोहण इस बात पर ज़ोर देता है कि भारत कर्मप्रधानता, एकता और समानता के मूल्यों पर आगे बढ़ेगा।

आज अयोध्या में ऐतिहासिक क्षण आ ही गया है।  25 नवंबर को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा फहरा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पवित्र पल में हाथ जोड़कर भगवान श्री राम को नमन किया। इसके साथ ही, वैदिक मंत्रोंच्चार करने के बाद ध्वजारोहण अभिजीत मुहूर्त में सपन्न हुआ है। यह पल अयोध्या में राममय हो गया है। 


पीएम मोदी ने कहा-  धर्मध्वज प्रेरणा बनेगा कि प्राण जाए, पर वचन न जाए


अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- ये धर्मध्वज प्रेरणा बनेगा कि प्राण जाए, पर वचन न जाए अर्थात जो कहा जाए, वही किया जाए। ये धर्मध्वज संदेश देगा- कर्मप्रधान विश्व रचि राखा अर्थात विश्व में कर्म और कर्तव्य की प्रधानता हो। ये धर्मध्वज कामना करेगा- बैर न बिग्रह आस न त्रासा, सुखमय ताहि सदा सब आसा यानी भेदभाव, पीड़ा, परेशानी से मुक्ति और समाज में शांति एवं सुख हो।'


राम भेद से नहीं भाव से जुड़ते हैं- पीएम मोदी


अयोध्या में धर्म ध्वज फहराने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'हम सब जानते हैं कि हमारे राम भेद से नहीं भाव से जुड़ते हैं। उनके लिए व्यक्ति का कुल नहीं, उसकी भक्ति महत्वपूर्ण है। उन्हें वंश नहीं, मूल्य प्रिय है। उन्हें शक्ति नहीं, सहयोग महान लगता है। आज हम भी उसी भावना से आगे बढ़ रहे हैं।' प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि पिछले 11 वर्षों में महिला, दलित, पिछड़े, अति-पिछड़े, आदिवासी, वंचित, किसान, श्रमिक और युवा हर वर्ग को विकास के केंद्र में रखा गया है। उन्होंने कहा, 'जब देश का हर व्यक्ति, हर वर्ग, हर क्षेत्र सशक्त होगा, तब संकल्प की सिद्धि में सबका प्रयास लगेगा और सबके प्रयास से ही 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा, तब तक हमें विकसित भारत का निर्माण करना ही होगा।'