9 Years Of Modi Govt: रेलवे के क्षेत्र में मोदी सरकार के क्रांतिकारी बदलाव, जानिए 9 सालों में कितनी बदली रेल यात्रा

अनन्या मिश्रा     Sep 16, 2023
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9 Years Of Modi Govt: रेलवे के क्षेत्र में मोदी सरकार के क्रांतिकारी बदलाव, जानिए 9 सालों में कितनी बदली रेल यात्रा

मोदी सरकार के आते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलवे में बदलाव का खाका खींचना शुरू कर दिया था। पीएम मोदी ने 'अमृत भारत स्टेशन योजना' लॉन्च की। इस योजना के तहत पूरे देश में 508 रेलवे स्टेशनों का पुनरुद्धार किया जाना है।

पीएम मोदी ने 'अमृत भारत स्टेशन योजना' लॉन्च की। इस योजना के तहत पूरे देश में 508 रेलवे स्टेशनों का पुनरुद्धार किया जाना है। इस ऐलान से रेलवे के प्रति मोदी सरकार और खासकर खुद पीएम मोदी का नजरिया भी स्पष्ट होता है। वहीं अगर बात रेलवे की इलेक्ट्रिफिकेशन की हो या वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनों की, रेल यात्रा के अनुभवों में मोदी सरकार आमूल-चूल बदलाव लाने को तत्पर दिखती है। 


मोदी का रेल पुनरुद्धार

रेलवे बोर्ड के मौजूदा और पूर्व सदस्यों के मुताबिक मोदी सरकार के आते ही उन्होंने रेलवे में बदलाव का खाका खींचना शुरू कर दिया था। पीएम मोदी द्वारा एक धीमी शुरुआत के बाद पीएम रेलवे विश्वविद्यालय परियोजना जमीन पर उतर गई। साल 2018 में गुजरात के वडोदरा में 'गति शक्ति विश्वविद्यालय' की स्थापना हो गई। नरेंद्र मोदी सरकार का रेलवे के बुनियादी ढांचे पर जोर दिया है। पीएम मोदी ने रेलवे सेक्टर में सुधार करने के लिए अपनी तिजोरी खोल दी है। बता दें कि साल 2009 से 2014 के दौरान यूपीए सरकार ने हर साल रेलवे के लिए नए संसाधनों के निर्माण के लिए लगभग 45,980 करोड़ रुपये का निवेश किया।


मोदी सरकार की उबलब्धियां

वहीं पीएम मोदी हर साल यूपीए सरकार द्वारा निवेश की गई राशि के तीन गुना खर्च किया। मोदी सरकार का 9 सालों में कुल पूंजीगत व्यय 11.95 लाख करोड़ रुपये है। यह पैसा ट्रैक की क्षमता में वृद्धि और नई व तेज ट्रेनों पर खर्च किए गए। बता दें कि 508 स्टेशन अपग्रेड प्रॉजेक्ट की आधारशिला रखते हुए पीएम मोदी ने सरकार की उपलब्धियों के बारे में गिनवाया। पीएम मोदी ने भारत में 9 सालों के अंदर यूक्रेन, पोलैंड, यूके, दक्षिण अफ्रीका और स्वीडन जैसे देशों की तुलना में अधिक रेलवे ट्रैक बिछाए हैं। वहीं भारत में एक साल के अंदर न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रिया जैसे देशों की तुलना में अधिक ट्रैक बनाए हैं।


रेल सुधार की दिशा में बड़े कदम

एक साल के अंदर रेलवे ने 5,243 किलोमीटर नई लाइनें बिछाई हैं। इसमें गेज परिवर्तन दोहरीकरण शामिल है। वहीं 9 सालों में 25 हजार किलोमीटर रेलवे लाइनें बनाई गई हैं। जिसमें 2,200 किलोमीटर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर भी शामिल है। अब किसी-न-किसी रूप में रेल नेटवर्क लगभग पूरे पूर्वोत्तर को कवर करता है। रेलवे में सुधार के लिए मोदी सरकार के कुछ बड़े कदमों में जैसे- रेल बजट को सामान्य बजट में मिलाना, तेजी से अनुमोदन के लिए रैंक के नीचे वित्तीय शक्तियां देना, रेलवे बोर्ड के आकार को कम करना और 100% ब्रॉड गेज ट्रैकों के विद्युतीकरण का लक्ष्य हासिल करना भी शामिल है।


रेल हादसे भी हुए कम

अमृत भारत स्टेशन योजना की शुरूआत उस दौरान हुई, जब स्टेशन की पुनर्विकास परियोजना के कई संस्करणों में प्राइवेट कंपनियों की भागीदारी नहीं हुई। इसके बाद राष्ट्रीय रेल योजना 2030 है, इसमें अहम क्षेत्रों के रेलवे को अपग्रेड करने का लक्ष्य रखा गया है। जिससे कि साल 2050 तक मांग में वृद्धि को पूरा किया जा सके। हालांकि इसमें कुछ खामियां भी हैं। इसके अलावा पिछले 9 सालों में कुछ बहुत भीषण रेलवे दुर्घटनाएं भी हुईं। जिनमें सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवा दी। लेकिन अब इन दुर्घटनाओं की संख्या भी काफी कम हो गई है।