वेणुगोपाल और हरीश रावत के साथ सिद्धू की मुलाकात, क्या बन पाएगी सिद्धू की बात?
सिद्धू एआईसीसी महासचिव के सी वेणुगोपाल और राज्य पार्टी प्रभारी हरीश रावत से मुलाकात करेंगे। बता दें कि मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी सहित सहयोगियों के साथ अपने निरंतर मतभेदों के मद्देनजर पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने पद से इस्तीफा दे दिया था जिसे अभी तक स्वीकार नहीं किया गया था।
नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बीच जारी घमासान के बीच अब सिद्धू एआईसीसी महासचिव के सी वेणुगोपाल और राज्य पार्टी प्रभारी हरीश रावत से मुलाकात करेंगे। बता दें कि मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी सहित सहयोगियों के साथ अपने निरंतर मतभेदों के मद्देनजर पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने पद से इस्तीफा दे दिया था जिसे अभी तक स्वीकार नहीं किया गया था लेकिन माना जा रहा है कि कांग्रेस अब जल्द ही उनका इस्तीफा स्वीकार कर सकती है।
हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर राज्य इकाई से संबंधित संगठनात्मक मामलों पर चर्चा का हवाला देते हुए इस बैठक की जानकारी दी। रावत ने ट्वीट किया, "श्री नवजोत सिंह सिद्धू, अध्यक्ष पंजाब कांग्रेस मुझसे और श्री वेणुगोपाल से पंजाब परदेश कांग्रेस कमेटी से संबंधित कुछ संगठनात्मक मामलों पर चर्चा के लिए 14 अक्टूबर को शाम 6 बजे वेणुगोपाल जी के कार्यालय में मुलाकात करेंगे।,'' रावत ने ट्वीट किया। दिलचस्प बात यह है कि रावत की घोषणा मंत्री रजिया सुल्तान के एक दिन बाद आती है, एक कट्टर सिद्धू वफादार जिन्होंने समर्थन में अपना इस्तीफा दे दिया था, ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक में भाग लेने का फैसला किया।
यह बैठक ऐसे समय में भी हो रही है जब सिद्धू द्वारा पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को करीब दो हफ्ते पहले सौंपे गए इस्तीफे की स्थिति को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। इस्तीफा न तो पार्टी ने स्वीकार किया है और न ही सिद्धू ने इसे वापस लिया है। दोनों के बीच मतभेद तब शुरू हुए जब सिद्धू कथित तौर पर अटॉर्नी जनरल और पुलिस महानिदेशक की नियुक्तियों से नाखुश थे। सिद्धू ने राणा गुरजीत सिंह को कैबिनेट में शामिल किए जाने पर भी नाखुशी जाहिर की थी।
हालाँकि, अंग्रेजी समाचार पत्र 'टाइम्स ऑफ इंडिया' के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे को स्वीकार कर सकती है। सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने संभावित उम्मीदवार की तलाश शुरू कर दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस अगर सिद्धू के इस्तीफे को स्वीकार कर लेती है तो पिछले कुछ वक्त से चल रहे सियासी उठापटक के बीच में यह नया मोड़ होगा। क्योंकि पार्टी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह से मना करने के बावजूद सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष पद की कुर्सी सौंपी थी और फिर विवाद बढ़ने के बाद कैप्टन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
वहीं, सिद्धू ने सीएम चन्नी के बेटे के विवाह समारोह में शामिल ना होकर, चन्नी के साथ अपने मतभेदों को स्पष्ट कर दिया है. इसके अलावा वे अमृतसर में कांग्रेस पार्टी के 'मौन व्रत' के दौरान भी अनुपस्थित रहे. हालांकि उन्होंने पार्टी की विरोध रैली के लिए अमृतसर ना पहुंच पाने में वैष्णो देवी मंदिर की उनकी अचानक यात्रा और खराब मौसम जैसे कारणों का हवाला दिया।