Sikkim Farmer: सिक्किम को प्राप्त हुआ पूर्ण जैविक खेती वाले राज्य का दर्जा, किसानों को भी हो रहा फायदा
कई माह पहले सिक्किम दुनिया का पहला जैविक राज्य बन गया था। लेकिन अब राज्य को इसका प्रमाण पत्र भी मिल गया है। सिक्किम को दुनिया के पहले जैविक प्रदेश का प्रमाण पत्र लंदन की वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने जारी कर दिया है।
कई माह पहले सिक्किम दुनिया का पहला जैविक राज्य बन गया था। लेकिन अब राज्य को इसका प्रमाण पत्र भी मिल गया है। सिक्किम को दुनिया के पहले जैविक प्रदेश का प्रमाण पत्र लंदन की वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने जारी कर दिया है। इसके साथ ही इस राज्य को अच्छा प्रशासन और अपराध मुक्त प्रदेश माना गया है। इसे लेकर केंद्रीय संचार मंत्रालय ने सिक्किम को बधाई दी है। पहला जैविक प्रदेश बनने पर सिक्किम के चार मंत्रियों के साथ मिलकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक विशेष डाक कवर भी जारी किया।
आपको बता दें कि साल 1960 में देश हरित क्रांति की शुरूआत हुई थी। जिसके चलते अधिक अनाज उत्पादन के लिए फर्टिलाइजर्स का इस्तेमाल भी बढ़ा। इससे मिट्टी की गुणवत्ता के साथ ही हवा और पानी भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ। ऐसे हालात होने के बाद भी देश के उत्तर पूर्वी राज्य सिक्किम ने जैविक खेती की ओर कदम बढ़ाए। इस तरह से सिक्किम दुनिया का पहला जैविक राज्य बनकर उभरा। वहीं पूरी दुनिया में इसके नजीर की तरह पेश किया जा रहा है।
सिक्किम द्वारा अपनाया गया जैविक तरीका खेती का प्राचीन तरीका है। इस खेती में केमिकल फर्टिलाइजर्स का उपयोग नहीं किया जाता है। इसमें प्राकृतिक तरीके से खेती की जाती है। खेती के लिए प्राकृतिक तौर पर तैयार की गई खाद जैसे- कंपोस्ट खाद, गाय-भैंस के गोबर की खाद, नीम खाद आदि का इस्तेमाल किया जाता है। इससे मिट्टी की गुणवत्ता भी खराब नहीं होती है। साथ ही किसानों की फसल भी अच्छी होती है।
सबसे पहले पहले 75 हजार हेक्टेयर जमीन पर सिक्किम ने जैविक खेती की शुरुआत की। इस दौरान सिक्किम सरकार ने तय जमीन पर रसायनिक खाद के उपयोग पर पाबंदी लगा दी थी। इसका उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माने का प्रावधान लगाया गया। जब इसका फायदा हुआ तो धीरे-धीरे जैविक खेती को जमीन में आगे बढ़ाया गया। अब सिक्किम में सभी किसान जैविक तरीके से खेती करते हैं।