Jharkhand GDP: कोरोना के बाद पटरी पर आई राज्य की अर्थव्यवस्था, देश के औसत से बेहतर है झारखंड की जीडीपी

LSChunav     Jan 02, 2024
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Jharkhand GDP: कोरोना के बाद पटरी पर आई राज्य की अर्थव्यवस्था, देश के औसत से बेहतर है झारखंड की जीडीपी

कोविड के झटकों से उबरकर झारखंड की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ गई है। झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 की रिपोर्ट के मुताबिक कई मायनों में राज्य में विकास दर देश के औसत से बेहतर है।

कोविड के झटकों से उबरकर झारखंड की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ गई है। झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 की रिपोर्ट के मुताबिक कई मायनों में राज्य में विकास दर देश के औसत से बेहतर है। कोरोना काल में राज्य की अर्थव्यवस्था देश के अन्य हिस्सों से काफी कम प्रभावित हुई थी। बता दें कि देश की जीडीपी में उस दौरान 6.6 फीसदी की गिरावट आई थी। इसी अवधि में राज्य की वास्तविक जीडीपी में केवल 5.5% की गिरावट दर्ज की गई थी। वहीं कोविड की दूसरी और तीसरी वेव यानी की 2021-22 में झारखंड की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ।


साल 2021-22 में झारखंड की विकास दर 8.2 प्रतिशत रही। जबकि चालू वित्तीय वर्ष में विकास दर 7.8% रहने का अनुमान है। तो वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 में विकास दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया जा रहा है। वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वरी उरांव ने झारखंड में आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट रखी। जिसमें बताया गया कि देश के आर्थिक विकास दर 6 से 6.8 फीसदी की सीमा रहेगी। वहीं राज्य में विकास दर का अनुमान 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।


वर्ष 2021 में नई मौद्रिक नीति ढांचे में झारखंड में महंगाई दर निर्धारित दर के भीतर रही। लेकिन वहीं साल 2022 में महंगाई निर्धारित दर को पास कर गई। साल 2021 से दिसंबर 2022 में न्य वस्तु समूहों की तुलना में जूते, प्रकाश, ईंधन और कपड़ों में तेजी दर्ज की गई। वहीं पिछले दो महीनों में झारखंड की मुद्रास्फीर्ति की दर में भी कमी दर्ज की गई है। जिसकी वजह से इस वस्तुओं की वृद्धि दर घटी है।


आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 22 सालों में यानी की साल 2001-02 और 2021-22 के बीच राज्य के बजट का आकार करीब 13 गुना बढ़ गया है। वहीं राजस्व प्राप्तियों के क्षेत्र में 2015-14 और 2021-22 के बीच कर राजस्व 10.8% की औसत वार्षिक दर में वृद्धि हुई है। 2015-16 और 2018-19 के दौरान झारखंड के कर राजस्व में 80 फीसदी से अधिक योगदान किया है। हांलाकि इस बीच योजनाओं पर कुल व्यय 4.8% की औसत वार्षिक दर से बढ़ा है।