तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी को बताया नकली OBC कहा- जन्म से अगड़े थे अचानक पिछड़ गये

LSChunav     Apr 18, 2019
शेयर करें:   
तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी को बताया नकली OBC कहा- जन्म से अगड़े थे अचानक पिछड़ गये

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने पलटवार करते हुए ट्वीट किया कि- नरेंद्र मोदी जी नक़ली पिछड़े है। जन्म से लेकर 55 वर्ष तक वो अगड़े थे फिर एक दिन अचानक पिछड़े बन गए।

चुनावी दंगल में जब भी उतरा जाता हैं, तो हर तरह के हथियारों के साथ... ना जानें कब कौन जुबानी हमला कर दें। इस लिए तीखी जुबान और दुरुस्त ज्ञान ही इस दंगल में आपकी रक्षा करेंगा। वहीं इस दंगल में सबसे ज्यादा कामकार हथियार हैं आंसू और इमोशंस। इसी भाव का सहारा लेकर नेता जनता के पास जाने हैं उनके हितैशी बन कर। जो नेता जिस जाति या संप्रदाय को होता है वो उसी संप्रदाय को टारगेट करते वोट मांगने की अपील करता है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भी महाराष्ट्र में चुनावी रैली के दौरान जनता से वोट की अपील की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने पिछड़े समाज को ध्यान में खरकर कहा कि 'मैं पिछड़ा हूं इसलिए कांग्रेस मेरी हैसियत बताती रहती है. अब तो उन्होंने पूरे पिछड़े समाज को चोर कहना शुरू कर दिया है।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने जनता के जजबात को देखते हुए उनसे अपील की, लेकिन विपक्षी पार्टियों नें इसका जवाब भी खोज ही लिया।

इसे भी पढ़ें: PM की वोटरों से अपील- मतदान कर लोकतंत्र को मजबूत बनाएं

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने पलटवार करते हुए ट्वीट किया कि- नरेंद्र मोदी जी नक़ली पिछड़े है। जन्म से लेकर 55 वर्ष तक वो अगड़े थे फिर एक दिन अचानक पिछड़े बन गए। सच्चा, अच्छा और असली जन्मजात पिछड़ा कभी भी झूठा, बनावटी, मिलावटी, सजावटी और दिखावटी नहीं होता। पिछड़ों को बेवक़ूफ़ समझे है का गुजराती महोदय? क्या किए है पिछड़ों के लिए अगड़े महोदय? आता इस दंगल में सबसे ज्यादा काम आता हैं। 

इसे भी पढ़ें: अन्नाद्रमुक ने स्टालिन पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का लगाया आरोप

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा है, 'प्रिय नरेंद्र मोदी जी, आप जन्मजात नहीं नकली ओबीसी हैं। और हां आपने चोरी की है। क्या किया है पिछड़ों के लिए? PMO में एक भी अधिकारी OBC नहीं है। देश में कोई VC, प्रोफेसर OBC नहीं है। किसी संवैधानिक संस्था का निदेशक OBC नहीं है। जातीय अनुपात में OBC का आरक्षण क्यों नहीं बढ़ाया?'। अब ये जुबानी जंग तो चलती रहेगी। देखना ये होगा की लोकसभा चुवान के नतीजे किसके खिलाफ होते हैं, और किसके सर पर ताज पहनाते हैं।