Telangana Economy: तेलंगाना ने बीते 9 सालों में पाई अविश्वसनीय आर्थिक समृद्धि, जानिए अर्थव्यवस्था का लेखा-जोखा
जब तेलंगाना का गठन हुआ था, तो इसका सकल राज्य घरेलू उत्पाद सिर्फ 5.05 लाख करोड़ रुपए था। लेकिन बीते वित्त वर्ष 2022-23 में यह करीब तीन गुना बढ़कर 13.3 लाख करोड़ रुपए हो चुका है। आमदनी और आर्थिक विकास दोनों ही मामलों में तेलंगाना टॉप पर है।
साल 2024 के आम चुनावों से पहले 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं। इन पांच राज्यों में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम है। हांलाकि चुनाव के दौरान हमारी नजर हमेशा जातीय समीकरण से लेकर उम्मीदवारों की लिस्ट पर होती है। लेकिन कौन सा चुनावी राज्य कितनी तरक्की कर रहा है। वह राज्य विकास में कितना आगे हैं। वहां का सर्विस सेक्टर, कृषि और इंडस्ट्री सेक्टर कितना फल-फूल रहा है। यह सब भी जानना बेहद जरूरी होता है। तो आइए जानते हैं कि तेलंगाना राज्य की अर्थव्यवस्था वर्तमान में कैसी है।
तेलंगाना की अर्थव्यवस्था
बता दें कि जब तेलंगाना का गठन हुआ था, तो इसका सकल राज्य घरेलू उत्पाद सिर्फ 5.05 लाख करोड़ रुपए था। लेकिन बीते वित्त वर्ष 2022-23 में यह करीब तीन गुना बढ़कर 13.3 लाख करोड़ रुपए हो चुका है। प्रति व्यक्ति आय के मामले में तेलंगाना के प्रगति की रफ्तार अकल्पनीय महसूस होती है। जहां वित्त वर्ष 2014-15 में राज्य की प्रति व्यक्ति आय 1,12,162 करोड़ रुपए थी। वहीं अब इस वित्त वर्ष में बढ़कर 2,75,443 करोड़ रुपए हो चुकी थी। यही वजह है कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में राज्य की भागीदारी करीब 5 फीसदी है। राज्य की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है।
हांलाकि किस राज्य की वित्तीय स्थिति कितनी अधिक मजबूत है। यह रिजर्व बैंक मुख्य रूप से वहां के सकल राज्य घरेलू उत्पाद और ऋण के अनुपात के आधार पर जाना जाता है। GSDP के अनुपात में जिस राज्य पर ऋण का बोझ जितना ज्यादा कम होगा। RBI उस राज्य की अर्थव्यवस्था को उतना अधिक मजबूत मानेगा। अगर इस नजरिए से देखा जाए, तो तेलंगाना टॉप पर है। क्योंकि तेलंगाना में GSDP के मुकाबले ऋण का भार सिर्फ 25.3 फीसदी है। जो 11.3 फीसदी ब्याज देकर अन्य राज्यों से ज्यादा अच्छा कर रहा है।
दक्षिण के चारों राज्यों की तुलना में तेलंगाना ने सबसे कम ऋण ले रखा है। ऑफिशियल आंकड़ों पर नजर डालें तो कर्नाटक में GSDP-लोन का अनुपात 27.5 फीसदी, तमिलनाडु में 27.7 फीसदी, आंध्र प्रदेश में 32.8 फीसदी और केरल में 37.2 फीसदी है। आमदनी और आर्थिक विकास दोनों ही मामलों में तेलंगाना टॉप पर है। इस राज्य में विकास से जुड़ी योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंच रहा है। तेलंगाना की केसीआर सरकार में आमदनी और आर्थिक विकास दोनों ही क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जा रही है। केसीआर सरकार द्वारा तेलंगाना के चौतरफा विकास के लिए एक मजबूत आधारशिला तैयार की गई है। यह भी कहा जा सकता है कि तेलंगाना ने बीते 9 सालों में जो कुछ हुआ है, अगले कई दशकों तक राज्य की जनता को इसका लाभ मिल सकता है।