हरियाणा की तरह ही महाराष्ट्रा का हाल होगा! बागी डाल रहे मुश्किलें
जैसा कि हरियाणा में हुआ था कि कुमारी सैलजा और भूपिंदर सिंह हुड्डा की आपसी कलह का गलत संदेश गया और जिस कारण बागी कई खड़े हो गए है कि कई सीटें हराने का कारण बन गए। यही डर महाराष्ट्र में भी है।
इस समय महाराष्ट्र में हरियाणा का बहुत ही जिक्र हो रहा है। दरअसल, महाविकास अघाड़ी को लोकसभा चुनाव में अच्छी जीत मिली थी, हालांकि उम्मीदवारों को चुनने में काफी मतभेद दिखा था। वैसा ही हाल अब महाराष्ट्र में दिखने वाला है। अब ऐसा ही डर महाराष्ट्र में भी है, लेकिन इस भारी नुकसान किसी का भी हो सकता है। यानी एमवीए और महायुति दोनों ही बागियों और आपसी कलह से परेशान हैं।
नामांकन का आखिरी दिन कल था
महाराष्ट्र में कल नामांकन का आखिरी दिन था। अब तक कुल मिलाकर 150 बागी खड़ें हो चुके हैं, जो दोनों ही गठबंधनों के लिए सिरदर्द बन सकता हैं। अब इन बागियों को राजी करने के लिए 6 दिन का समय ही शेष बचा है क्योंकि 4 नवंबर नामांकन वापसी की आखिरी तारीख है। माना जाता है कि वही गठबंधन बढ़त बनाएगा, जिसके बागियों की संख्या कम हो गई है। बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति और विपक्षी महाविकास अघाड़ी का कहना है कि उन्होंने सभी 288 सीटों पर कैंडिडेट्स घोषित कर दिए गए है।
आंकड़े के अनुसार MVA के 286 कैंडिडेट्स ने नामांकन दाखिल किया है। इनमें 103 कांग्रेस के हैं तो वहीं 96 उद्धव सेना के हैं तो 87 उम्मीदवार एनसीपी-शरद पवार के हैं। महायुति की बात करें तो इस ग्रुप से कुल 284 नामांकन दाखिल हुए हैं। महायुति की दो दल 5 सीटों पर आमने-सामने हैं।
कांग्रेस और उद्धव सेना भी कई सीटों पर आमने-सामने आएगी
आपको बता दें कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना कैंडिडेट उतार चुकी है और विधायक सुहास कांडे मैदान में हैं। गंठबधनों के वरिष्ठ नेता मानते हैं कि बागियों का उतरना एक चैलेंज रहेगा। वहीं, 4 नवंबर आखिरी तारीख है नाम वापसी का है। उसके बाद ही कह सकते हैं कि गुट के कितने नुकसान होगा और कितने बागी उतरे हैं। नवाब मलिक भी शिवाजीनगर सीट से खड़े हुए है। इतना ही नहीं, उद्धव सेना और कांग्रेस के कैंडिडेट भी सोलापुर वेस्ट समेत कई सीटों पर आमने-सामने हैं।