9 Years Of Modi Government: मोदी राज में इन धार्मिक स्थानों का हुआ कायाकल्प, भव्यता ऐसी कि देखकर दंग रह जाएंगे आप

अनन्या मिश्रा     Sep 28, 2023
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9 Years Of Modi Government: मोदी राज में इन धार्मिक स्थानों का हुआ कायाकल्प, भव्यता ऐसी कि देखकर दंग रह जाएंगे आप

पीएम मोदी न सिर्फ भ्रष्टाचार बल्कि परिवारवाद को भी देश के लिए नासूर मानते हैं। भारतीय सनातन संस्कृति के आधुनिक ध्वजवाहक के रूप में पीएम मोदी अध्यात्मिक धरोहरों के जीर्णोद्धार पर जोर दे रहे हैं।

पीएम मोदी अपनी विराट छवि के साथ हिंदू सनातन संस्कृतियों और उनकी परंपराओं को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। पीएम मोदी अपने इस काम से आम जनमानस का दिन जीतने में भी कामयाब हो रहे हैं। पीएम मोदी न सिर्फ भ्रष्टाचार बल्कि परिवारवाद को भी देश के लिए नासूर मानते हैं। भारतीय सनातन संस्कृति के आधुनिक ध्वजवाहक के रूप में पीएम मोदी अध्यात्मिक धरोहरों के जीर्णोद्धार पर जोर दे रहे हैं। 


इस क्रम में मोदी सरकार प्राचीन आध्यात्मिक धरोहरों के कायाकल्प जैसे केदारनाथ मंदिर, काशी कॉरिडोर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, अयोध्या में निर्माणाधीन भव्यतम राम मंदिर या फिर उज्जैन में ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के शानदार कॉरिडोर का निर्माण करवाया रही है। पीएम मोदी जिस दिव्यता और भव्यता के साथ आस्था के प्रतीकों का पुनरुद्धार कर रहे हैं। उस तरह से इतिहास में पहले किसी ने पुनरुद्धार नहीं किया है।


काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर

पीएम मोदी ने दिसंबर को काशी कॉरिडोर का लोकार्पण किया। करीब 1000 साल के बाद काशी कॉरिडोर ने बाबा विश्वनाथ दरबार की भव्यता को पुनर्स्थापित किया। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को पहले से 3 हजार वर्ग फुट से बढ़ाकर करीब 5 लाख वर्ग फुट कर दिया गया है। 800 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को कोरोना काल में भी करीब करीब उसी टाइमफ्रेम में पूरा किया गया है, जो इसके लिए निर्धारित किया गया था।


उज्जैन महाकालेश्वर

महाकाल मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं की गहरी आस्था को देखते हुए कॉरिडोर का पूर्ण विकसित किया जा रहा है। महाकाल मंदिर के कॉरिडोर के पहले चरण का काम करीब-करीब खत्म हो चुका है। महाकालेश्वर मंदिर की भव्यता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि सरकार ने इस पर 800 करोड़ रुपए का इंवेस्‍टमेंट कर रही है। इस बार आप जब भी महाकाल मंदिर जाएंगे तो आपको यहां का स्वरूप एकदम बदला हुआ मिलेगा। 


काशी विश्वनाथ कॉरिडोर

पीएम मोदी ने दिसंबर में परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन किया था। काशी विश्वनाथ मंदिर को गंगा नदी के तट से जोड़ने के विचार को मार्च 2019 में संकल्पित किया गया था। पहले चरण में 23 इमारतों का जीर्णोद्वार कुल 339 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था। इस परियोजना में वैदिक केंद्र, संग्रहालय, इमारतें पर्यटक सेवा, गैलरी और फूड कोर्ट  शामिल हैं। लगभग 5 लाख वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में फैली इस परियोजना में काशी विश्वनाथ मंदिर के चारो तऱफ 1,400 दुकानदारों, किरायेदारों और घर के मालिकों का पुनर्वास और 300 से अधिक संपत्तियों का अधिग्रहण शामिल है।


केदारनाथ परियोजना

साल 2013 में रुद्रप्रयाग में केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड में आई बाढ़ से तबाह हो गया था। जिसके बाद केंद्र की मोदी सरकार ने केदारनाथ धाम क्षेत्र के पुनर्निर्माण और पुनर्विकास के लिए 500 करोड़ रुपये की परियोजना की शुरूआत की। साल 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ मंदिर में प्रमुख पुनर्निर्माण परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इस परियोजना में मंदाकिनी और सरस्वती नदियों पर दीवारों और घाटों का निर्माण और भक्तों की सुविधाएं शामिल थीं। इसके अलावा पीएम मोदी ने बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुई केदारनाथ मंदिर में आदि शंकराचार्य की मूर्ति का भी अनावरण किया।