MP Chunav 2023: इस बार किसानों के पास है MP की सत्ता की चाभी, प्रदेश के सबसे बड़े वोट बैंक के तौर पर उभरे

LSChunav     Nov 07, 2023
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MP Chunav 2023: इस बार किसानों के पास है MP की सत्ता की चाभी, प्रदेश के सबसे बड़े वोट बैंक के तौर पर उभरे

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब काफी कम समय बचा है। बता दें कि 17 नवंबर को एमपी में चुनाव होने हैं। इनमें से किसानों का भी एक मुद्दा काफी अहम है। साल 2018 में किसानों के मुद्दे पर ही प्रदेश में कांग्रेस ने सरकार बनाई थी।

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब काफी कम समय बचा है। बता दें कि 17 नवंबर को एमपी में चुनाव होने हैं। ऐसे में बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। जहां कांग्रेस बीजेपी के इस किले को ढहाने का प्रयास कर रही है, तो वहीं बीजेपी अपने किले को बचाने का प्रयास कर रही है। हांलाकि ऐसे कई मुद्दे हैं, जिन पर दोनों ही पार्टियां फोकस कर रही हैं। इनमें से किसानों का भी एक मुद्दा काफी अहम है। साल 2018 में किसानों के मुद्दे पर ही प्रदेश में कांग्रेस ने सरकार बनाई थी। लेकिन राज्य में कांग्रेस की सरकार सिर्फ डेढ़ साल ही चल पाई थी। ऐसे में इस बार फिर किसानों का मुद्दा गर्माया हुआ है।


इस बार बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही कांग्रेस को लुभाने के लिए कई ऐलान कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि कैसे इस बार किसान चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बन रहा है। आपको बता दें कि करीब 70 लाख किसान कृषि कार्य कर रहे हैं। जिसके बाद 25 लाख से ज्यादा किसान ऐसे हैं जो आधिकारिक रूप से दर्ज नहीं हैं। वैसे देखा जाए तो प्रदेश में 1 करोड़ से अधिक नागरिक ऐसे हैं, जो किसान हैं और कृषि कार्यों से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा प्रदेश में प्रदेश में 48.3 प्रतिशत सीमान्त कृषक हैं। जबकि 27.15 प्रतिशत लघु कृषक हैं। 


किसानों का वोट शास्त्र

इसके अलावा किसान परिवार में 2 से 3 सदस्य भी हुए, तो ऐसे में किसान परिवार की संख्या करीब 3 करोड़ हो सकती है। प्रदेश में 5 करोड़ 40 लाख 94 हजार 746 से ज्यादा मतदाता है। इस लिहाज से मध्य प्रदेश में किसानी कार्यों से जुड़े वोटरों की संख्या करीब 2.5 करोड़ हो जाती है। यह कुल मतदाताओं की संख्या से आधी है। ऐसे में यह साफ है कि मध्य प्रदेश में सरकार बनाने और बिगाड़ने में किसान सबसे बड़ी भूमिका अदा करेंगे।


बीजेपी सरकार की योजनाएं

प्रदेश में साल 2018 के चुनाव के बाद से अगर डेढ़ साल का समय छोड़ दिया जाए। तो पिछले करीब 18 साल से मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है। साल 2005 में जब शिवराज सिंह प्रदेश के सीएम बने तो किसानों के लिए कई योजनाएं संचालित की गईं। जिसके बाद यह योजनाएं अब भी जारी हैं।


किसानों का कर्ज माफ

कांग्रेस लगातार मध्य प्रदेश में यह ऐलान कर रही है कि अगर इस बाद प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनती है, तो किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा। हांलाकि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, जब कांग्रेस द्वारा ऐसे ऐलान किया जा रहा है। वहीं कांग्रेस ने साल 2018 में भी कर्जमाफी का वादा किया था। जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी। यह सरकार डेढ़ साल रही थी। तब तक कुछ किसानों का कर्ज माफ किया गया था। लेकिन सरकार के गिरने के बाद यह प्रक्रिया बंद हो गई।