Udhampur Lok Sabha seat: ऊधमपुर लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला, BJP-कांग्रेस और DPAP ने उतारे उम्मीदवार
जम्मू-कश्मीर का उधमपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र भारत की चुनावी राजनीति में अपने महत्वपूर्ण स्थान रखता है। ऐसे सभी राजनीतिक पार्टियों ने बिसात बिछानी शुरूकर दी है। उधमपुर लोकसभा सीट पर राजनीतिक दलों ने किस उम्मीदवार पर भरोसा जताया है।
जम्मू-कश्मीर का उधमपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र भारत की चुनावी राजनीति में अपने महत्वपूर्ण स्थान रखता है। ऐसे में ऊधमपुर लोकसभा सीट पर कब्जा जमाने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरूकर दी हैं। चुनावी बिसात बिछने के साथ ही राजनीतिक पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। हांलाकि जम्मू-कश्मीर के सियासी अखाड़े में बड़े नेताओं को भी पटखनी खानी पड़ी है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए आपको बताने जा रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर की उधमपुर लोकसभा सीट पर राजनीतिक दलों ने किस पर भरोसा जताया है।
बीजेपी प्रत्याशी डॉ जितेंद्र सिंह
बता दें कि बीजेपी ने एक बार फिर केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह पर विश्वास जताया है। बीजेपी ने डॉ जितेंद्र सिंह को उधमपुर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में डॉ जितेंद्र सिंह ने शानदार जीत हासिल की थी। जितेंद्र सिंह जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व सांसद के साथ मोदी कैबिनेट में भी शामिल हैं। वह पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के राज्यमंत्री, पीएम कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग के राज्यमंत्री हैं। इसके अलावा वह बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं। ऐसे में यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि क्या साल 2024 के चुनाव में वह अपनी जीत की हैट्रिक को कायम रख पाएंगे।
कांग्रेस प्रत्याशी लाल सिंह
वहीं कांग्रेस ने इस लोकसभा सीट से चौधरी लाल सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। जोकि हाल फिलहाल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी का सामना कर रहे हैं। बता दें कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उनको 19,049 वोट मिले थे। कांग्रेस में शामिल लाल सिंह तीन बार पूर्व विधायक रह चुके हैं। इसके अलावा साल 2004 और 2009 में वह दो बार उधमपुर सीट से जीत भी दर्ज कर चुके हैं। ऐसे में बीजेपी प्रत्याशी जितेंद्र सिंह के सामने कांग्रेस ने इस बार मजबूत उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा है।
DPAP प्रत्याशी
DPAP के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने इस सीट से जी.एम. सरूरी को चुनावी मैदान में उतारा है। हांलाकि जीएम सरूरी भी पहले कांग्रेस में थे, लेकिन बाद में वह डीपीएपी में शामिल हो गए। वर्तमान समय में जीएम सरूरी डीपीएपी के उपाध्यक्ष हैं। बता दें कि साल 2002 से लेकर 2018 तक वह किश्तवाड़ जिले के इंदरवाल निर्वाचन क्षेत्र के विधायक भी रह चुके हैं। इसके अलावा साल 2008 में वह वन, स्कूल शिक्षा, पर्यटन, समाज कल्याण और उपभोक्ता मामले व सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।