यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बढ़ी मुश्किलें, अनुप्रिया और राजभर ने दिए बयान

दिव्यांशी भदौरिया     Jul 09, 2024
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यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बढ़ी मुश्किलें, अनुप्रिया और राजभर ने दिए बयान

पिछले दिनों भाजपा के सहयोगी दलों अपना दल, निषाद पार्टी और ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा ने हाल में कुछ ऐसे बयान दिए, जिससे योगी सरकार के लिए मुश्किले बढ़ सकती हैं मुश्किलें।

लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा को सिर्फ 33 सीटें ही मिल पाईं। बात करें 2019 के 62 के मुकाबले पार्टी को 29 सीटें कम मिली हैं। इसके बाद से ही मंथन का दौर जारी है। ऐसे में योगी सरकार की भी काफी मुश्किलें बढ़ रही हैं। वहीं यह बात हाईकमान तक भी पहुंच गई है। पिछले दिनों भाजपा के सहयोगी दलों अपना दल, निषाद पार्टी और ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा ने हाल में कुछ ऐसे बयान दिए, जिससे योगी सरकार के लिए मुश्किले बढ़ सकती हैं मुश्किलें। बता दें कि अनुप्रिया पटेल ने तो सीधे सीएम योगी को पत्र लिखा था और कहा कि राज्य सरकार की नौकरियों में ओबीसी वर्ग के छात्रों का चयन नहीं हो पा रहा है।

शिक्षक भर्ती पर उठाएं सवाल

अनुप्रिया पटेल ने शिकायत की थी और कहा कि राज्य सरकार की नौकरियों में ओबीसी वर्ग के छात्रों का चयन नहीं हो पा रहा है। इंटरव्यू में उन्हें पास नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने 69000 शिक्षक की भर्ती के मामले में भी ओबीसी अभ्यर्थियों के साथ गड़बड़ी का आरोप लगाया था। ऐसा कहना इसलिए भी चुभने वाला था क्योंकि अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने भी चुनाव प्रचार में लगातार संविधान बदलने की बात कही थी। इसके अलावा आरक्षण छिनने का डर दिखाया था। 

वहीं, अनुप्रिया पटेल का कहना था कि यह मसला मैंने पहले भी उठाया था, लेकिन समाधान नहीं हुआ। इसका नुकसान सरकार को लोकसभा चुनाव में उठाना पड़ा। 

संजय निषाद ने भी लगाए आरोप

संजय निषाद ने योगी सरकार पर आरोप लगाए कि उसके चलते निषाद वोट कम मिले हैं। उन्होंने कहा, लंबे समय से निषाद समाज को अनुसूचित जाति में आरक्षण देने की मांग लंबित पड़ी है। वहीं, इस समुदाय ने 2019 और 2022 में भाजपा को वोट किया था। लेकिन सरकार ने उसे गंभीरता से नहीं लिया और अब उसका एक वर्ग छिटक रहा है।

ओमप्रकाश राजभर ने प्रतिक्रिया रखी

इस पर ओमप्रकाश राजभर ने भी कहा था कि मोदी और योगी के नाम पर पड़ने वाला वोट कम हुआ है। इसके आगे उन्होंने कहा कि सुभासपा के काडर और वोटर ने तो एनडीए उम्मीदवारों का ही समर्थन किया, लेकिन भाजपा का वोट ही कम हो गया।