कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में पार्टी दिग्गजों को साधना शुरू कर दिया है। जिन नेताओं को चुनाव की पतवार संभालनी है, उनको केंद्र में रखने के साथ क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन करना अब पार्टी नेतृत्व प्राथमिकता है। लंबे समय बाद कांग्रेस की सर्वोच्च कार्यसमिति में राज्य का प्रतिनिधित्व बढ़ा है। वहीं गढ़वाल क्षेत्र की उपेक्षा को लेकर कांग्रेस पार्टी के भीतर पैदा हुए असंतोष की स्थिति को भी थामने की कोशिश की जा रही है।
मुख्य भूमिका में रहेंगे हरीश रावत
बता दें कि बढ़ती उम्र के बाद भी प्रदेश की राजनीति में युवा जोश के साथ सक्रिय पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर हाईकमान ने दोबारा विश्वास जताया है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की भूमिका पर मुहर लगा दी गई है। कांग्रेस पार्टी ने कार्यसमिति में राज्य को तरहीज देते हुए लोकसभा चुनाव को लेकर सधे अंदाज में कदमताल की है। उत्तराखंड राज्य में पांच लोकसभा सीट है। साल 2014 में 2019 में हुए दोनों लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के हाथ एक भी सीट नहीं आई थी।
राज्य में दो विधानसभा चुनावों में लगातार हार मिलने के बाद पार्टी के मनोबल पर बुरा प्रभाव पड़ा है। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में हार मिलने के बाद पार्टी हाईकमान ने राज्य में फेरबदल किया है। जिसके बाद से ही कांग्रेस पार्टी के भीतर क्षेत्रीय असंतुलन का मुद्दा बना रहा है। इसके साथ ही विधायक भी गाहे-बगाहे इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जता चुके हैं। हाईकमान की ओर से बीते अप्रैल माह में भेजे गए केंद्रीय पर्यवेक्षक पीएल पूनिया ने भी पार्टी के भीतर असंतोष का जायजा लिया था।
वरिष्ठ नेताओं को मिली जिम्मेदारी
असंतोष को काबू कर हाईकमान पार्टी क्षेत्रों में संतुलन कायम करने को प्राथमिकता देने का काम कर रहा है। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी वरिष्ठ नेताओं को दी गईं। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाए गए हैं। वहीं राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को गठित स्क्रीनिंग कमेटी में जगह मिली। लोकसभा चुनाव को लेकर अब पार्टी नेतृत्व ने कार्यसमिति में गढ़वाल क्षेत्र का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के साथ ही रणनीति साफ कर दी है।
इसके अलावा कार्यसमिति में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल को शामिल किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है। जिससे कि संतुलन को साधा जा सके। गढ़वाल क्षेत्र के मतदाता पौड़ी और टिहरी लोकसभा सीटों के अलावा हरिद्वार लोकसभा सीट भी असरदार है। हरिद्वार लोकसभा सीट को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपनी पसंदीदा सीट बता चुके हैं। वहीं उनके करीबियों में गोदियाल का नाम शामिल है। हरिद्वार क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रमों में रावत के साथ गोदियाल सक्रिय रहे हैं।