By LSChunav | Dec 26, 2025
क्रिसमस डे के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा दोनों ने ईसाई समुदाय से जुड़े दो बड़े कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। साल 2026 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं, जिसमें तमिलनाडु और केरल जैसे दो राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी भी शामिल हैं। इस वक्त देश के सियासी गलियारों में यह चर्चा काफी तेज हैं कि बीजेपी इसी कारण से क्रिश्चियन आउटरीच में जुट गई है, क्योंकि उसे उन राज्यों में अपना राजनीतिक भविष्य चमकाना है, जहां अभी तक उसकी सियासी किस्मत में साथ नहीं दिया है। अब यह समझना जरुरी है कि क्रिसमस के मौके पर ईसाई समुदायों के बीच इस तरह से पहुंचने के मायने क्या हैं, क्योंकि विरोधी भाजपा को सिर्फ हिंदुत्व की विचारधारा का पैरोकार बताता है।
भाजपा की नजर केरल और तमिलनाडु
आपको बताते चलें कि, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में ईसाई आबादी पर गौर करना जरुरी है कि यहां ये चुनावी रूप में कितने अहम हैं। केरल में क्रिश्चियन जनसंख्यां 18 प्रतिशत से थोड़ा ज्यादा है और तमिलनाडु, पुडुचेरी में इनकी आबादी 6 प्रतिशत से थोड़ी अधिक है। इन तीन राज्यों में ईसाइयों का वोट केरल में काफी प्रभावी है।
मोदी, नड्डा क्रिसमस कार्यक्रम में शामिल
गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली स्थित कैथेड्रल चर्च ऑफ रिडेम्पशन में आयोजित क्रिसमस की सुबह की प्रार्थना सभा और कैरोल कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर दिल्ली के बिशप डॉ. पॉल स्वरूप ने प्रार्थना का नेतृत्व किया और प्रधानमंत्री के लिए विशेष दुआ भी की। इसी दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा नई दिल्ली के एक क्रिश्चियन हायर सेकेंडरी स्कूल में हुए भव्य क्रिसमस उत्सव में शामिल हुए। गौर करने वाली बात यह है कि बीते दस वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी लगातार ईसाई समुदाय से जुड़े धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सहभागिता करते रहे हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2024 में केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के घर क्रिसमस डिनर में हिस्सा लिया और फिर कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया के कार्यक्रम में भी शामिल हुए। मोदी सरकार में भी आमतौर पर हमेशा ही ईसाई नेताओं का प्रतिनिधित्व नजर आया है।
क्रिश्चियन आउटरीच के चुनावी मायने
केवल हिंदू और ईसाई समुदाय ही नहीं, पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल में सभी धर्म के लोगों के बीच पहुंचने की हर संभव पहल की है। हालिए में पीएम मोदी की ओर से केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू अजमेर शरीफ दरगाह में चादर चढ़ाकर आए हैं और यह मुस्लिम धार्मिक परंपरा प्रधानमंत्री की ओर से हर साल निभाई जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी धर्म और संप्रदाय के साथ प्रति विशेष आत्मीय और भावनात्मक लगाव जाहिर करते हैं।