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भाजपा का बंगाल में 'चुनावी रण' तेज, टीएमसी को घेरने के लिए राज्यव्यापी 'महायात्रा' का ऐलान

By LSChunav | Oct 11, 2025

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई छह महीने बाद होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुट गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र यादव और बिप्लब देब पार्टी की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए स्थानीय नेताओं के साथ दो दौर की बैठकें कर चुके हैं।
पश्चिम बंगाल में चुनाव जल्द ही होने वाले है। जिसको लेकर भाजपा बंगाल में राजनीति को चमकाने के लिए जुड़ गई है। पहले से भाजपा ने बंगाल में जनता के बीच अपनी राजनीति जड़े मजबूत की है। सत्तारुढ़ पार्टी TMC भाजपा के खिलाफ हमेशा से आरोप लगाती रहती है। लेकिन भाजपा ने वहां पर काफी काम किया है।  
भाजपा जल्द ही पूरे बंगाल में एक विशाल यात्रा निकालने की योजना बना रही है। यह एक बड़े पैमाने का राजनीतिक अभियान होगा जिसमें जमीनी स्तर के नेताओं से लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व के वरिष्ठ नेता तक शामिल होंगे। यादव और देब दोनों ही आने वाले महीनों में तैयारियों का जायजा लेने के लिए बंगाल में काफी समय बिताएंगे।
बंगाल में भाजपा की राजनीति यात्रा विशालकाय होगी
एक वरिष्ठ नेता ने बताया है कि, "पूरे बंगाल में यह यात्रा बेहद महत्वपूर्ण होगी। यह सिर्फ़ एक संपर्क कार्यक्रम नहीं है—यह समझने का एक अवसर है कि लोग हमसे क्या उम्मीदें रखते हैं। टीएमसी इस बार सत्ता से बाहर हो जाएगी, यह तय है। हम लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम बंगाल में असली बदलाव लाएँगे, और यह आश्वासन मायने रखता है।"
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना ​​है कि इस तरह की राज्यव्यापी यात्रा भाजपा के लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकती है। पहला इससे पार्टी बंगाल के कोने-कोने में लोगों से जुड़ सकेगी और जमीनी स्तर पर जनभावनाओं का आकलन कर सकेगी। दूसरा, इससे पार्टी को यह संदेश देने में मदद मिलेगी कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस राज्य में विफल रही है, और भ्रष्टाचार, जनसांख्यिकीय असंतुलन और आदिवासी नेताओं पर कथित हमलों जैसे मुद्दों को उजागर करेगी।
यह यात्रा भाजपा के लिए बदलाव के अपने दृष्टिकोण को प्रस्तुत करने का एक मंच भी साबित होगी—सत्ता में आने पर पार्टी क्या करने की योजना बना रही है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस आयोजन के लिए प्रारंभिक चर्चाएं और योजनाएं पूरी हो चुकी हैं। अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि नेतृत्व प्रशासनिक बाधाओं और रैलियों की अनुमति न मिलने जैसी पिछली चुनौतियों को भी ध्यान में रख रहा है, जिनके कारण पार्टी को अक्सर अदालतों का रुख करना पड़ता था। इन बाधाओं के बावजूद, उनका कहना है कि इस बार यात्रा बिना किसी रुकावट के जारी रहेगी।
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