लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अंडमान और निकोबार में चुनावी हलचल तेज हो चुकी है। बता दें कि 572 टापुओं पर बसा यह एक ऐसा द्वीप है, जोकि केंद्र शासित प्रदेश है। पिछले लोकसभा चुनाव में यहां की लोकसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी ने अपना कब्जा जमाया था। वर्तमान समय में कांग्रेस नेता कुलदीप राय शर्मा मौजूदा सांसद हैं। यहां पर साल 1967 में पहली बार लोकसभा चुनाव कराए गए थे। शुरूआत से ही इस सीट पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहा है।
अगर आप राजनीतिक आंकड़ों की बात करें तो साल 1967 से 1999 तक यहां पर लगातार कांग्रेस पार्टी का वर्चस्व रहा है। यहां पर कांग्रेस के मनोरंजन भक्त लंबे समय तक सांसद रहे हैं। इस सीट पर कांग्रेस के टिकट पर मनोरंजन भक्त आठ बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। इस द्वीप समूह में अब तक 14 लोकसभा चुनाव हुए हैं। जिनमें से 11 बार कांग्रेस पार्टी ने जीत हासिल की है। साल 1967 से पहले अंडमान-निकोबार में संसद सदस्य निर्वाचित नहीं होते थे। भारत के राष्ट्रपति की ओर से इस लोकसभा सीट पर संसद सदस्य को सीधे नियुक्त किया जाता था।
साल 2019 के नतीजे
साल 2019 के लोकसभा चुनावों पर एक नजर दौड़ाएं, तो इस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार कुलदीप राय शर्मा ने जीत हासिल की थी। कांग्रेस उम्मीदवार कुलदीप यादव को 95,308 वोट हासिल हुए थे। वहीं भाजपा के उम्मीदवार विशाल जॉली को 93,901 वोट हासिल हुए थे। वहीं आम आदमी पार्टी ने भी इस सीट से अपना उम्मीदवार उतारा था। आप पार्टी के संजय मेशैक को 2839 वोट हासिल हुए थे। वह चौथे नंबर पर रहे थे। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह 543 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है।
अंडमान-निकोबार द्वीप समूह पर कुल 3,18,471 मतदाता हैं। इनमें साल 2019 में 2,07,296 मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,49,188 और महिला वोटरों की संख्या 1,69,274 थी। वहीं 9 थर्ड जेंडर ने भी चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। यहां की लोकसभा सीट सामान्य के लिए आरक्षित है। वहीं एक बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्र से आता है। अंडमान-निकोबार की साक्षरता दर 86.27% के करीब है।
स्वतंत्रता आंदोलन में रही अहम भूमिका
अंडमान और निकोबार भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा रहा था। यहां के लोगों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेकर ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज उठाई। आजादी की बात करें तो
अंग्रेजों की गुलामी से प्रदेश आजाद हुआ था। सबसे पहले भारत की स्वतंत्र सरकार का नेताजी सुभाषचंद्र बोस की आज़ाद हिन्द फौज ने यही पर गठन किया था। अंडमान-निकोबार ही वह पहला प्रदेश है, जहां पर पहली बार स्वतंत्र भारत का तिरंगा फहराया था।