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MP Chunav 2023: इन मुद्दों पर बीजेपी को घेरने में जुटी कांग्रेस, पार्टी बदल सकती है विधानसभा चुनाव की दिशा

By LSChunav | Nov 08, 2023

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर सभी राजनीतिक दलों में गहमागहमी का माहौल है। प्रदेश में अभी तक जितने चुनाव हुए हैं, उनमें कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई है। लेकिन पिछले सभी चुनावों से साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव की तस्वीर काफी ज्यादा अलग थी। साल 2018 में कांग्रेस पार्टी ने 114 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं बीजेपी को 109 सीटें हासिल हुई थी। ऐसे में कांग्रेस ने सरकार बनाई, लेकिन डेढ़ साल के अंदर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई थी। ऐसे में एक बार फिर बीजेपी सत्ता पर काबिज हो गई। 

हांलाकि साल 2018 में चुनावों का गणित कुछ भी रहा हो, लेकिन इस साल यानी की 2023 में विधानसभा चुनाव की तस्वीर उलट नजर आ रही है। बता दें कि प्रदेश में महिलाओं और दलित वर्ग (एसटी/एससी) के लोगों के खिलाफ अपराध, बड़े पैमाने पर जातिवाद, बेरोजगारी और शीर्ष नौकरशाहों और एजेंटों के बीच उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार आदि के मुद्दे वर्षों पुराने विषय रहे हैं। ऐसे में इस बार विपक्ष की कांग्रेस सरकार चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ बीजेपी को घेरने के लिए भ्रष्टाचार, आवारा पशु और मंहगाई के मुद्दे को उजागर करने में जुटी है। 

निवेश के मुद्दे पर भाजपा को घेरने की कोशिश
पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ अक्सर महंगाई, रोजगार और राज्य के विकास के मुद्दे पर बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हैं। कमलनाथ बार-बार एमपी में निवेशकों की कमी के लिए मुख्य रूप से इस परिदृश्य को जिम्मेदार बताते हैं। कमलनाथ ने यह कहकर बीजेपी पर निशाना साधा कि प्रदेश में उद्यमी तब तक निवेश नहीं करेंगे, जब तक उनको यह भरोसा ना हो कि पैसा सुरक्षित हाथ में है। यही वजह है कि प्रदेश बड़े स्तर पर निवेश पाने में बार-बार असफल रहा है। 
 
महंगाई का मुद्दा
इसके अलावा चुनावी पक्ष को अपनी तरफ करने के लिए कांग्रेस महंगाई और मूल्य वृद्धि के मुद्दों पर भी जोर दे रही है। वहीं इसका काट करने के लिए कांग्रेस भाजपा मतदाताओं के विभिन्न वर्गों के लिए नकद प्रोत्साहन की घोषणा कर रही है। 

आवारा पशु का मुद्दा
बता दें कि प्रदेश में आवारा पशुओं की समस्या भी एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरी है। मक्का हो या कोई दूसरी फसल आवारा पशु किसानों का काफी नुकसान कर रहे हैं। किसानों का मानना है कि गौ रक्षा के नाम पर कुछ लोगों ने इतना ज्यादा डरा दिया है कि वह ईंट का किला खड़ा कर फसलों की रक्षा कर सकते हैं। इसके अलावा सरकार द्वारा गौशाला बनाने की योजना का ऐलान किया गया था, वह भी धरातल पर उतरता नहीं दिख रहा है।
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