अक्टूबर में हरियाणा विधान सभा के चुनाव होने वाले है। ऐसे में सभी राजनैतिक पार्टियां चुनाव जीतने के लिए एड़ी-चोटी का बल लगा रही है। दरअसल, हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) के अध्यक्ष गोपाल कांडा द्वारा बीजेपी की भाषा बोलने के बाद इनेलो-बसपा का हलोपा से गठबंधन टूटने के आसार बन गए हैं। वहीं, इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा ने कहा कि भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने का गोपाल कांडा का बयान उनका निजी बताया जा रहा है। यह बयान से इनेलो-बसपा का कोई संबंध नहीं है। कहा जा रहा है कि इस बारे में गोपाल कांडा जवाब मांगा जाएगा। अगर आप गोपाल कांडा स्थिति साफ नहीं कर सके तो सिरसा में उन्हें इनेलो-बसपा का समर्थन देने का फैसला पर विचार किया जा सकता है।
गोपाल कांडा ने बयान दिया
दरअसल, गोपाल कांडा ने रविवार को बयान दिया था कि उनकी पार्टी हलोपा अभी एनडीए का हिस्सा है और विधानसभा चुनाव के बाद इनेलो-बसपा-हलोपा मिलकर भाजपा की सरकार बनाएंगे। इस बयान के बाद सोमवार को बीजेपी ने सिरसा विधान सीट से अपने उम्मीदवार रोहताश जांगड़ा का नामांकान वापस कर दिया है।
इनेलो ने कांडा के बयान को गैर- जिम्मेदारना बताया
हरियाणा लोकहित पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा के अनुसार भाजपा व कांग्रेस को सत्ता में आने से रोकने के लिए इनेलो-बसपा ने गठबंधन किया। वहीं, उन्होंने कहा कि रविवार को गोपाल कांडा ने बयान दिया है कि तीनों दलों का यह गठबंधन राज्य में भाजपा की सरकार बनाने में मदद करेगा, जो कि पूरी तरह से गैर-जिम्मेदाराना बयान है।
इस पर माजरा ने कहा कि इनेलो-बसपा की गोपाल कांडा के इस बयान से किसी तरह की सहमति नहीं है। यदि उन्होंने अपने बयान पर गठबंधन के सामने स्थिति साफ नहीं की जो उन्हें समर्थन देने पर विचार किया जा सकता है।