झारखंड में पलामू लोकसभा सीट इन दिनों चर्चा में बनी हुई है। इस सीट के सांसद वीडी राम को मात देने के लिए आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भाजपा की एक पुरानी कार्यकर्ता ममता भुइयां को चुनावी रण में उतारा है। पलामू में इंडिया अलायंस की साझा प्रत्याशी आरजेडी की ममता भुइयां भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी वीडी राम को टक्कर देने का प्रयास कर रही हैं। वहीं बसपा ने भी इस सीट से कामेश्वर बैठा को मैदान में उतारा है। पलामू लोकसभा सीट पर हर बार सांसद बदलते रहते हैं। इस सीट पर 13 मई को मतदान होना है।
बीजेपी प्रत्याशी वीडी राम
भाजपा ने इस सीट से वीडी राम को प्रत्याशी बनाया है। सांसद बदलते रहने वाली इस सीट से पिछले 10 साल से वीडी राम सांसद ने इस रिकॉर्ड को तोड़ने का काम किया। साल 2019 के चुनाव में वीडी राम ने शानदार जीत हासिल की थी। वहीं साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी वीडी राम ने इस सीट पर कब्जा जमाया। वहीं उन्होंने यह भी दावा किया है कि इस क्षेत्र में उन्होंने काफी विकास कार्य किया है। साथ ही उनकी छवि भी काफी साफ-सुथरी है। वह लगातार जनता के बीच रहने के साथ राजनीतिक बयानबाजी से भी दूरी बनाकर रहते हैं। पुलिस का बड़ा असफर होने के कारण वीडी राम का काफी सम्मान होता है।
आरजेडी प्रत्याशी ममता भुइंया
इसके साथ ही आरजेडी ने ममता भुइंया को चुनावी मैदान में उतारा है। उनके पति और बड़े भाई दुलाल भुइयां पूर्व में विधायक और मंत्री पद पर रह चुके हैं। वहीं ममता भी इससे पहले भाजपा में थीं। जब भाजपा से वीडी राम को प्रत्याशी बनाया गया, तो ममता भुइंया ने आरजेडी का दामन थाम लिया। ममता के पास यह प्लस प्वाइंट है कि वह जिस समाज से आती हैं, पलामू में उस समुदाय की आबादी चाढ़े चार लाख के आसपास है। हालाँकि उनके पास कोई राजनीतिक अनुभव नहीं है।
बसपा प्रत्याशी कामेश्वर बैठा
इस सीट पर बसपा ने अपने प्रत्याशी कामेश्वर बैठा को चुनावी रण में उतारकर इस मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़ कर एक्टिव पॉलिटिक्स में आने वाले कामेश्वर बैठा इससे पहले जेएमएम टिकट पर पलामू सीट से चुनाव जीत चुके हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस सीट पर किस प्रत्याशी को जनता का साथ मिलता है।