इस समय बिहार में राजनैतिक हलचल तेज हो गई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत की राजनीति में एंट्री को लेकर अटकलें जोरों पर हैं। जनता दल यूनाइटेड के दफ्तर के बाहर लगी तस्वीरों से ऐसे संकेत मिल रहे हैं। लेकिन, जेडीयू पहले से ही साफ कर चुकी है कि इसको लेकर अंतिम फैसला निशांत की तरफ से ही लिया जाना है। ये पोस्टर ऐसे में समय पर सामने आए हैं, जब जनता दल यूनाइटेड में सदस्यता अभियान की शुरुआत की है। पटना में स्थित जदयू के दफ्तर के बाहर पोस्टर लगा है कि- 'अब पार्टी की कमान संभालें निशांत।' इसके साथ ही लिखा है, 'नीतीश सेवक मांगे निशांत।'
ऐसे शुरू हुआ अटकलों का दौर
शुक्रवार को जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने निशांत के नाम की चर्चा छेड़ दी थी। पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत के समय उन्होंने निशांत की राजनीति में शामिल होने के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था, 'पार्टी सदस्य,शुभ चिंतक और समर्थक, सभी चाहते हैं कि निशांत कुमार पार्टी में शामिल हो जाएं और काम करें। हम सभी भी यही चाहते हैं, लेकिन यह उनके ऊपर है कि वह कब पार्टी में आएंगे।' खास बात को यह कि इस दौरान निशांत उनके पास ही थे।
कौन हैं निशांत कुमार
नीतीश कुमार और मंजू सिन्हा के इकलौते बेटे हैं निशांत, इनका जन्म 20 जुलाई 1975 को हुआ है। निशांत ने अपनी एजुकेशन पटना के सेंट केरन्स से हासिल की और बाद में मसूरी स्थित मानव भारती इंडिया इंटरनेशनल स्कूल का रूख किया। इसके बाद निशांत ने मेसरा के BIT यानी बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी गए। यहां से उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजनीयरिंग की शिक्षा ली। साल 2017 में निशांत ने कहा था कि उन्हें राजनीति में आने में कोई दिलचस्पी नहीं है। इसके जगह वह आध्यात्म का रास्ता अपनाएंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि, मुझे राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है औऱ ना ही इस क्षेत्र का ज्ञान है। मेरा पहला प्यार आध्यात्म है और मैं उसी राह पर आगे बढ़ रहा हूं।